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    hemisphere अर्धगोला

    विषय-सूचि

    अर्धगोला क्या होता है? (hemisphere in hindi)

    जैसा की इसके नाम से ही प्रतीत हो रहा है, एक अर्ध गोला पूरे गोले का आधा भाग होता है। जब एक गोले को दो भागों में बांटा जाता है उससे हमें जो आकृति मिलती है वह अर्धगोला कहलाती है। इसकी एक सतह चपटी(flat) होती है एवं दूसरी सतह वक्र(curved) होती है।

    ऊपर दी गयी आकृति में जैसा कि आप देख सकते हैं यहाँ इस त्रिआयामी आकृति की ऊपर वाली सतह चपटी(flat) है एवं जो दूसरी सतह है वह वक्र(curved) है। अतः यह एक अर्धगोला कहलायेगा।

    अर्धगोले के गुणधर्म (properties of hemisphere in hindi)

    • अर्ध गोले की दो ही सतह होती हैं। पहली सतह चपटी होती है एवं दूसरी सतह वक्र अर्थात curved होती है। चपटी सतह उस अर्ध गोले का आधार कहलाती है।

    • एक अर्धगोले की जो वृत्त के आकार सतह होती है उसके हर बिंदु की केंद्र से दूरी समान होती है।
    • अर्ध गोला एक पूरे गोले को दो भागों में विभाजित किये जाने से बना होता है।
    • एक पूरे गोले को जब हम दो भागों में विभाजित करते हैं तो हमारे पास दो अर्धगोले हो जाते हैं।

    अर्धगोले का आयतन (volume of hemisphere in hindi)

    जैसा कि हम जानते हैं एवं पहले भी देख चुके हैं एक अर्ध गोला पूरे गोले का आधा भाग होता है अतः इसका आयतन भी पूरे गोले का आयतन का आधा होगा।

    अतः

    अर्ध गोले का आयतन = 1/* गोले का आयतन

    1/4/3 πr3

    अतः

    अर्ध गोले का आयतन2/3 πr3

    ऊपर जैसा की आपने देखा पूरे गोले के आयतन के सूत्र को आधा करने पर हमें अर्ध गोले का आयतन मिल गया है। अतः इस प्रकार हम एक अर्ध गोले का आयतन निकाल सकते हैं।

    अर्धगोले का क्षेत्रफल (area of hemisphere in hindi)

    अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल (Curved Surface Area) :

    अगर हम एक गोले एवं अर्धगोले की तुलना करें तो गोले में केवल एक ही सतह होती है लेकिन अर्धगोले में दो सतह होती हैं। एक गोले का पूर्ण एवं वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल एक ही होता है लेकिन एक अर्धगोले में ये दोनों अलग क्षेत्रफल होते हैं।

    एक अर्धगोले के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल में चपटी एवं वक्र दोनों सतह को सम्मिलित किया जाता है लेकिन इसके वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल में आधार को सम्मिलित नहीं किया जाता है।

    यहाँ π से तात्पर्य एक वृत्त कि परिधि से इसके व्यास का अनुपात है। जैसा कि हम जानते हैं एक गोले का क्षेत्रफल  4πr2 होता है एवं इसमें केवल घुमावदार सतह होती है तो अगर हम इसे आधा कर देंगे तो हमारे पास अर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल आ जाएगा।

    अतः :

    अर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1/* गोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल 

    1/*  4πr2

    = 2πr2 वर्ग unit 

    अर्धगोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल (Total Surface Area of hemisphere in hindi) :

    जैसा कि हमने देखा एक अर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल एक पूर्ण गोले के क्षेत्रफल को आधा करने पर निकल गया। अब हमें इसका पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालना है तो बस इसके आधार का क्षेत्रफल जोड़ना होगा।

    अर्ध गोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफलअर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल 

     = 2πr2πr2

    अतः

    अर्ध गोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3πr वर्ग unit

    उदाहरण:

    आइये अब हम एक अर्धगोले का आयतन उदाहरणों के साथ निकालना सीखते हैं।

    उदाहरण 1: एक अर्धगोला जिसकी त्रिज्या 10 cm है उसका आयतन ज्ञात कीजिये।

    हल : यहाँ हमें इस अर्धगोले की त्रिज्या 10 cm दी गयी है अब हम इसका आयतन निकालेंगे :

    r = 10 cm

    अब हम एक अर्ध गोले का आयतन निकालने का सूत्र निकालेंगे।

    अर्धगोले का आयतन = 2/3 πr3

    अब हम सूत्र में r का मान लिखेंगे :

     = 2/22/* 10 * 10 * 10

    अब हमने सूत्र में विभिन्न मान भी रख दिए हैं अब हमें बस इसे हल कर साधारण रूप में लाना है।

     = 2/* 3140

    2093.3 

    अतः हम इस प्रकार सूत्र से एवं प्रक्रिया का अनुसरण करके ऐसे अर्श गोले का आयतन निकाल सकते हैं।

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    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    One thought on “अर्धगोला : परिभाषा, गुणधर्म, आयतन एवं क्षेत्रफल”
    1. अर्दगोलाकार का माप निकालना है स्क्वायर फीट मे? 7.5 फिट त्रिज्या है?

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