अमेरिका के सांसदों के एक विशाल ने शिनजियांग में चीन के आला अधिकारीयों पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है क्योंकि उन्होंने अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों को नज़रबंद शिविरों में कैद कर रखा है। सस्था के लगभग एक चौथाई 24 सांसदों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।
चैनल न्यूज़ एशिया के मुताबिक सांसदों ने शिनजियांग क्षेत्र में कम्युनिस्ट पार्टी सेक्रेटरी चेन कांगुओ पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से की है। इसकी शुरूआती दौर में तिब्बत पर भी ऐसी ही स्थिति थी और अल्पसंख्यकों के मामले सँभालने में इस ओहदा बढ़ता गया।
यूएन जांचकर्ताओं के अनुसार शिनजियांग में 10 लाख से अधिक उइगर मुस्लिमों को नज़रबंद शिविरों में कैद कर के रखा गया है। उइगर मुस्लिमों पर चीन इस्लाम को छोड़ने का दबाव बना रहा है, चीनी अधिकारी उन्हें जबरन सूअर का मांस खिला रहे हैं जो इस्लाम में नापाक है।
अमेरिकी राज्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों को लिखे गए पत्र में था कि “शिनजियांग में व्यवस्थित और भयंकर मानव अधिकारों के उल्लंघन के बावजूद प्रशासन द्वारा प्रतिबंधों को लगाने में देरी से हम निराश है।” सांसदों ने बताया की उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने काफी सख्त लहजे में बयान दिया था लेकिन सिर्फ शब्द पर्याप्त नहीं है।
इस पत्र पर सांसद मैक्रो रुबीओ, ट्रम्प के करीबी फ्लोरिडा रिपब्लिकन और सीनेट विदेशी नीति संबंधों की समिति के वरिष्ठ डेमोक्रेट बॉब मेनेंडेज हैं। इसके आलावा डेमोक्रेट्स की राष्ट्रपति पद की दावेदार सीनेटर मिट्ट रोमनी, रिपब्लिकन से पूर्व राष्ट्रपति पद के दावेदार जेम्स मक्गोवेरन और मानव अधिकार पर काँग्रेस की समिति के प्रमुख क्रिस स्मिथ शामिल हैं।
सांसदों ने चेन और शिनजियांग के अन्य अधिकारितों पर मैग्निट्स्की एक्ट लगाने का आग्रह किया है। इस एक्ट को हिरासत में रुसी अकाउंटेंट की मौत के बाद लाया गया था। इसके तहत मानव अधिकार उल्लंघन में संलिप्त विदेशी अधिकारी की अमेरिका में संपत्ति जब्त हो जाती है और अमेरिकी यात्रा पर प्रतिआबन्ध लग जाता है।
चीन उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार करने के आरोपों का खंडन करता हैं। उनके मुताबिक, शिनजियांग में इस्लामिक चरमपंथ के खिलाफ लड़ने के लिए यह एक प्रशिक्षण संस्थान है।
उइगर मुस्लिमों पर अमेरिका का रुख
अमेरिका चीन पर कई मुद्दों को लेकर समय-समय पर निशाना साधता रहता है, जिनमें उइगर मुस्लिम एक अहम् मुद्दा है।
अमेरिका का मानना है कि शिनजियांग इलाके में चीन उइगर मुस्लिमों को कैंप में कैद करके रखता है और उन्हें प्रताड़ित करता है।
डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिका के अन्य वरिष्ठ मंत्री समय-समय पर चीन को वैश्विक मंचों से इस मुद्दे पर घेरते रहते हैं। हाल ही में अमेरिकी विदेश सचिव माइक पोम्पिओ नें एक ऐसे व्यक्ति से बात की थी, जिसने चीन के कैम्पों में प्रताड़ना झेली है।
उइगर मुस्लिमों को क्यों निशाना बनाता है चीन?
उइगर एक मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय है, जो चीन के जिनजियांग में सदियों से रह रहे हैं। 2012-13 तक इन लोगों से चीनी सरकार कोई कोई समस्या नहीं थी, लेकिन इसके बाद से इन लोगों पर सरकार की ज्यादती सामने आने लगी है।
इसका सबसे बड़ा कारण है, चीन की बेल्ट एंड रोड योजना।
ऊपर दिए गए नक्शे में आप देख सकते हैं कि किस प्रकार चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का एक बड़ा हिस्सा जिनजियांग इलाके से होकर गुजरता है। ऐसे में यहाँ रहने वाले लोग चीनी सरकार के लिए बहुत जरूरी हो जाते हैं।
जब से बेल्ट एंड रोड योजना सार्वजानिक हुई है, तबसे चीनी सरकार नें यहाँ रहने वाले उइगर मुस्लिम पर नजर रखना शुरू कर दिया है।
गार्डियन के मुताबिक जिनजियांग में रहने वाले उइगर मुस्लिम पर सरकार लाखों कैमरों और अन्य उपकरणों के जरिये नजर रखती है।
कई मानवाधिकार संस्थाओं नें यह साबित किया है कि चीन प्रताड़ना कैंप में लोगों को बाद करके उनको शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देता है।
चीन इन लोगों को देश से बाहर भी नहीं जाने देता है, क्योंकि चीन को लगता है ये लोग विदेशी ताकतों को जानकारी बेच सकते हैं।