ईरान पर अमेरिका ने दूसरे चरण के प्रतिबंध 5 नवंबर से लागू कर दिए है। इन प्रतिबंधों का मकसद ईरान की अर्थव्यवस्था का कामयर तोड़ना था ताकि ईरान अमेरिका की शर्तों को मान जाए। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि पिछले सप्ताह के अमेरीकी प्रतिबंधों से ईरानी अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले ही सब प्रतिबंध लगा चुका है।
अमेरिका के ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने का मकसद ईरान को मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों को बंद करने के लिए मजबूर करने है। साथ ही सीरिया, लेबनान, यमन व अन्य मिडिल ईस्ट में ईरानी सैनिकों को रोकना है।
हसन रूहानी ने कहा कि इन प्रतिबंधों का हमारी आर्थिक स्थिति पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा क्योंकि अमेरिका पहले ही हमे दबाने के लिए सभी हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने कहा ईरान के खिलाफ अमेरिका का रवैया कुछ नया नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने बैंकों, उनकी शाखाओं और प्लेन की एक लंबी फेरहिश्त जारी कर दी है जिन पर प्रतिबंध लगाए हैं। और यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह ईरानी जनता को इससे प्रभावित नही होने देंगे।
अमेरिका ने कहा था कि फौरी तौर ओर अभी आठ आयातकों को ईरानी तेल खरीदने की अनुमति दी जा रही है। हालांकि इन आठ देशों को अगले छह माह में तेल आयात शून्य करना होगा।
हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका के इस कृत्य ये साफ है कि वह ईरान से तेल निर्यात शून्य नही कर सकते हैं। हसन रूहानी संसद के प्रमुखों और न्यायकर्ताओं से साप्ताहिक बैठक में बातचीत कर रहे थे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई संधि को बीते मई में तोड़ दिया था। अमेरिका ने ईरान पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था और अगस्त में ईरान पर प्रथम चरण के प्रतिबंध लगा दिए थे।