अफगानिस्तान पर सालो की मशक्कत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान पर तालिबान को वार्ता लकी टेबल पर लाने के लिए दबाव बनाया था। ताकि अमेरिका सबसे लम्बी जंग से खुद को अलग थलग कर सके।
अमेरिकी-पाक संबंधो में सुधार
इमरान खान 21 जुलाई से अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर आयेंगे और उन्हें राष्ट्रपति ट्रम्प ने आमंत्रित किया था। प्रशासन के अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि “ट्रम्प पाकिस्तान से ठोस सहयोग चाहते हैं। अगर पाकिस्तान की आतंक की नीति में कोई परिवर्तन होता है तो अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधो को सुधारने के लिए हमेशा दरवाजे खुले रहेंगे।”
यह सहयोग साल 2008 मुंबई आतंकी हमलो के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी में भी दिखा है जो अगले हफ्ते दोनों नेताओं की मुलाकात को एक नई गति देगा। अधिकारी ने बताया कि “वांशिगटन सचेत हैं और इससे अवगत भी है कि कैसे सईद को हिरासत में रखा गया था। अमेरिका इस बार बिल्कुल सचेत है और यह सुनिश्चित करेगा कि यह गिरफ्तारी कोई ढोंग न हो।”
अधिकारी ने कहा कि “हम पाकिस्तान में पनाह लिए आतंकी संगठनों की वजह से चिंतित है और इन समूहों को देश के ख़ुफ़िया विभाग आईएसआई ने सुरक्षा दी हुई है। लेकिन हम पाकिस्तानी पीएम खान के आतंकवादियों को सरजमीं पर पनाह न देने के संकल्प का स्वागत करते हैं।”
सैन्य सहायता की रद्द
डोनाल्ड ट्रम्प ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान की सैन्य सहायता को रद्द कर दिया था और आरोप लगाया कि देश की सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है। अधिकारी ने कहा कि “सहायता तब भी बहाल की जाएगी जब पाकिस्तान अमेरिका की चिंताओं को संतुष्ट कर देगा कि वह तालिबान और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले समूहों का समर्थन नहीं करेगा।”
अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि “दोनों पक्षों के लिए खान और ट्रम्प की मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण है। इस मुलाकात में कई व्यापक मुद्दों पर बातचीत की जाएगी, इसमें आतंकवाद रोधी अभियान, रक्षा, उर्जा और व्यापार शामिल है। हम पाकिस्तान को भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार की पाबंदियों को कम करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”
तीन दिनों की यात्रा में डोनाल्ड ट्रम्प ओवल दफ्तर में इमरान खान का स्वागत करेंगे, इसके बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके बाद व्यापक स्तर की द्विपक्षीय वार्ता होगी जिसमे ट्रम्प प्रशासन के कई आला अधिकारी भी शामिल होंगे।