अमेरिका (america) ने ईरान (iran) के सर्वोच्च नेता और अन्य अधिकारीयों पर प्रतिबन्ध लगा दिए हैं। मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि “अमेरिका के ईरानी नेताओं पर प्रतिबंधों ने तेहरान बीच कूटनीति के मार्ग को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है।”
उन्होंने कहा कि “ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई और ईरानी कूटनीति के कमांडर विदेश मंत्री जावेद जरीफ पर बेजा प्रतिबंधों ने कूटनीति के सभी मार्गों को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है। ट्रम्प के बेकरार प्रशासन वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए तैनात तंत्र को तबाह करने के लिए बेताब है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को खमेनेई के खिलाफ प्रतिबंधों के कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षार कर दिए थे। इसमें आठ रेवोलूशनरी गार्ड कमांडर्स भी है। तेहरान द्वारा अमेरिका के मानवरहित ड्रोन को गिराने के बाद अमेरिका का दबाव बढ़ाने का यह अभूतपूर्व कदम है।
उन्होंने कहा कि “हम विवाद नहीं चाहते हैं। प्रतिबंधों पर ईरान की प्रतिक्रिया कल समाप्त हो सकती थी या इसे सालो भी लग सकते हैं। वांशिगटन ने कहा कि “वह ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ पर नहीं इस हफ्ते प्रतिबन्ध लगाएंगे।”
ईरान के अमेरिकी निगरानी ड्रोन को गिराने से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। तेहरान ने दावा किया कि चेतावनी के बावजूद ड्रोन ने ईरान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। अमेरिका ने इस दावे को खारिज किया और दावा किया कि यह ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में थे।
अमेरिका ने अपने दावे की पुष्टि के लिए तस्वीर भी जारी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को ईरान पर हवाई हमले के आदेश दिए थे लेकिन हमले से 10 मिनट पूर्व ही इसे रोक दिया था क्योंकि इसमें जान-माल का काफी नुकसान होता।
डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरुआत में कहा था कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है और इस पर यकीन करना मुश्किल है कि गुरूवार को मार गिराए ड्रोन इरादे से नहीं किया गया था।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “वह ईरान के अमेरिकी मानवरहित ड्रोन को न मार गिराने के निर्णय की सराहना करते हैं। अगर तेहरान अपने परमाणु हथियारों को त्यागने के लिए रज़ामंद हो जाता है और वह देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संवारने में मदद करेंगे।”