अमेरिका-चीन के बीच चल रही ट्रेड वार से एक ओर जहाँ विश्व के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रहीं हैं, वहीं इसी ट्रेड-वार के चलते चीन को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के मुताबिक वर्ष की तीसरी तिमाही के आंकड़ों के तहत चीन की विकास दर को खासा नुकसान पहुँचा है। इस दौरान चीन की विकास दर 6.5 प्रतिशत आँकी गयी है, जबकि जुलाई-सितंबर की तिमाही को लेकर चीन की ही संबन्धित सरकारी एजेंसी ने 6.6 प्रतिशत का अनुमान लगाया था।
जीडीपी दर के मामले में चीन का यह प्रदर्शन वर्ष 2009 की पहली तिमाही के बाद सबसे निचला स्तर है। इस दौरान विकास दर में 1.7 प्रतिशत की गिरावट का अंदाजा लगाया जा रहा था, जो बाद में 1.6 प्रतिशत कर दिया गया।
चीन की जीडीपी के संबंध में जारी हुआ यह डाटा चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार का नतीजा है।
हालाँकि इन आंकड़ों के बाद भी इस साल चीन की जीडीपी 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि सरकार का अनुमान 6.5 प्रतिशत का है। वहीं सरकार ने अगले साल के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.3 प्रतिशत रखा है।
अमेरिका-चीन ने ट्रेड वार के साथ ही एक दूसरे के ऊपर भारी कर थोप रखे हैं। जिसकी वजह से इन दोनों ही देशों के व्यापार संबंध गर्त में चले गए हैं। ऐसे में वैश्विक जीडीपी की दर भी नीचे आ सकती है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वार को लेकर आईएमएफ़ व विश्व बैंक भी अपनी चेतावनी जारी कर चुके हैं। आईएमएफ़ के अनुसार इस घटना की वजह से वैश्विक जीडीपी में .2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल सकती है।