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    अमेरिका और उत्तर कोरिया

    उत्तर कोरिया की राज्य मीडिया ने मंगलवार को कहा कि “अमेरिका को उत्तर कोरिया के लिए बनाये अपने भयावह योजना को वापस लेना होगा या फिर सिंगापुर में एक वर्ष पूर्व हुए ऐतिहासिक समझौते को खाली कागज में तब्दील कर दिया जायेगा।”

    स्टेट न्यूज़ एजेंसी केसीएनए ने बीते हफ्ते भी ऐसी ही चेतावनी जारी की थी। फरवरी में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच हुई दूसरी मुलाकात बगैर किसी समझौते के खत्म हो गयी थी। हनोई सम्मेलन में उत्तर कोरिया प्रतिबंधों से निजात की मांग पर अड़ा था जबकि वांशिगटन परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद ही प्रतिबन्ध हटाने पर अडिग था।

    केसीएनए ने कहा कि “अमेरिका की घमंडी और एकतरफा नीति उत्तर कोरिया पर काम नहीं करेगी, हम सम्प्रभुता का पालन करते हैं। इस रिपोर्ट में बीते वर्ष 12 जून को हुए समझौते  बिंदुओं को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि “नए सम्बन्धो की तरफ कार्य खतरे में है क्योंकि अमेरिका होने लागू किये गए प्रतिबंधों पर आँखे बंद कर के बैठा है।”

    उन्होंने कहा कि “अब वक्त है कि अमेरिका अपनी भयावह योजना को बंद कर दे।” दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने सोमवार को कहा कि “मुझे यकीन है कि उत्तर और दक्षिण कोरिया व अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत का सिलसिला जल्द बहाल हो जायेगा।”

    फ़िनलैंड की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तीसरी मुलाकात के लिए बातचीत जारी है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अभी वह हालात है कि इसमें तीसरे देश को कुछ व्यवस्थित करने की जरुरत है।”

    डोनाल्ड ट्रम्प और राज्य सचिव माइक पोम्पिओ जापान में इस माह के अंत में जी-20 सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके बाद दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे और उत्तर कोरिया में अंतिम, पूर्ण निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के बाबत बातचीत करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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