अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ आगामी दूसरी मुलाकात में परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर प्रगति की अपेक्षा करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति इसके लिए प्रतिबंधो में नरमी और दक्षिण कोरिया से सैनिको की वापसी जैसे पत्ते भी फेंक सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य बीते जून में सिंगापुर में पहल मुलाकात हुई थी। डोनाल्ड ट्रम्प के मुताबिक दुसरे शिखर सम्मेलन के लिए स्थान का क्बुनाव फ़रवरी में किया जायेगा, लेकिन वियतनाम में मुलाकात पर जोर दिया जा रहा है। उत्तर कोरिया पर निगरानी रखने वाले समूह का कहना है कि किम जोंग उन का प्राथमिक लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और संदेहों से निजात पाना है, इसके बाद वह परमाणु एर्सेनल का त्याग कर देंगे जो उनके पूर्वजों ने दशकों पहले बनाये थे।
सीओल में कूम्किन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा कि प्रतिबन्ध उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को गंभीर नहीं बना रहे हैं, लेकिन वह आर्थिक वृद्धि को मुश्किल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्थिरता और सत्ता बनाये रखने के लिए उत्तर कोरिया के नागरिक जानते हैं कि उन्हें अपनी और पडोसी देशों की आर्थव्यवस्था के बीच खाई को भरना होगा। उत्तर कोरिया 1950-53 में हुई कोरियाई युद्ध की अधिकारिक समाप्ति की घोषणा चाहता है।
अमेरिका मानवीय मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों को आसान करने के लिए पहले से कार्य कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प उत्तर कोरिया के जारी मिसाइल कार्यक्रम और परमाणु परिक्षण को बंद करवाना चाहते हैं। अमेरिका चाहता है कि किम जोंग उन जांच के लिए परमाणु हथियारों की साईट को पूरी तरह खुलवाना चाहते हैं।
राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा था कि अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर कार्य कर रहे हैं, जिसकी प्रतिबद्धता किम जोंग उन ने की थी। उन्होंने कहा था कि आगामी वर्ष की शुरुआत में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प मुलाकात करेंगे और इस निरस्त्रीकरण की प्रगति पर चर्चा करेंगे।
दक्षिण कोरिया में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका ट्रेवल प्रतिबन्ध को आसन करने की प्रक्रिया पर समीक्षा कर रहा है ताकि जरूरतमंद उत्पादों को भेजकर मानवीय मदद की जा सके। हालांकि इस बयान पर उत्तर कोरिया की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। टाइम के मुताबिक उत्तर कोरिया ने गुरूवार को कहा कि वह तब तक अपने परमाणु हथियारों को नष्ट नहीं करेगा, जब तक अमेरिका के समक्ष परमाणु हथियार है।