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ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोमवार को कहा कि प्रतिबन्ध थोपने वाले अमेरिकी अधिकारीयों के खिलाफ उनकी सरकार अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मुकदमा दायर करेगी।

रायटर्स के मुताबिक रूहानी ने अपने भाषण में कहा कि “अमेरिकी प्रतिबंधों ने काफी चुनौतियाँ उत्पन्न की है। ईरानी मुद्रा रियाल में काफी गिरावट आ रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है।”

बीते वर्ष मई में ईरान के साथ साल 2015 में हुई संधि को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तोड़ दिया था और तेहरान पर दोबारा आर्थिक प्रतिबन्ध थोप दिए थे। हसन रूहानी ने कहा कि “मैंने न्यायिक और विदेश मामलों के मंत्रियों को आदेश दे दिए हैं कि ईरानी अदालत में अमेरिकी अधिकारीयों के खिलाफ केस दायर करें जो ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने में शामिल थे।”

राष्ट्रपति ने कहा कि “इसके बाद ईरान इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत के समक्ष रखेगा। अमेरिकी का एक मात्र की लक्ष्य है कि वे वापस ईरान में आये और राष्ट्र पर अपनी हुकूमत चलाएं। अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद सरकार को सत्ता से हटाना है और अमेरिकी नीतियों के साथ एक नए गठबंधन के साथ शुरुआत करना है।”

ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका के प्रतिबन्ध आर्थिक आतंकवाद की तरह है। उन्होंने कहा कि सम्मानीय राष्ट्र ईरान के खिलाफ अमेरिका के अन्याय और गैर कानूनी तेल और अन्य उत्पादों पर प्रतिबन्ध एक सीधा आर्थिक आतंकवाद है।

अधिकारीयों ने बताया कि इस बजट का आंकलन प्रति बैरल कच्चे तेल 50 से 54 डॉलर और प्रतिदिन के निर्यात पर आधारित है। 2018 के मध्य में कच्चा तेल 3 अरब बैरल प्रतिदिन निर्यात किया जायेगा। हसन रूहानी ने कहा कि यदि देश में निजी क्षेत्र मौजूद हो, तो बजट तेल पर निर्भर न रहे, और प्रतिबंधों प्रभाव कम होता।

आर्थिक कठियानियों से जूझते ट्रक ड्राईवरों, किसानों और व्यापारियों ने अर्थव्यवस्था की बिगडती हालात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कई मौकों पर ईरान के सुरक्षा सैनिकों के साथ झड़प भी हुई है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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