ईरान (Iran) के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने हाल ही में व्हाइट हॉउस की कार्यवाई को मानसिक अक्षमता करार दिया था। इसके प्रतिकार में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका किसी भी चीज पर ईरान का हमला पर उन्हें एक महान और भारी सेना का सामना करना होगा।”
तेहरान द्वारा वांशिगटन के निगरानी ड्रोन को मार गिराने के बाद अमेरिका और ईरान के नेताओं के बीच तीखी जुबानी जंग जारी है। डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि “यह ईरान का बेहद जाहिल और अपमानिक बयान था, यह दिखाता है कि वह असलियत को नहीं समझते हैं।”
उन्होंने कहा कि “ईरान की अद्भुत जनता जूझ रही है और इसके लिए कोई कारण नहीं है। उन्हें नेतृत्व ने पूरा धन आतंकवाद पर खर्च कर दिया है, और अन्य सभी पर बेहद नमात्र खर्चा किया गया है।”
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उन्होंने कहा कि “अमेरिका नहीं भूला है कि उन्होंने आईईडी और ईएफपी का इस्तेमाल किया था जिससे 2000 अमेरिकी लोगो की जान गयी थी और कई जख्मी हुए थे। अमेरिका किसी भी चीज पर ईरान का हमला पर उन्हें एक महान और भारी सेना का सामना करना होगा।”
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ईरान और अमेरिकी नेताओं के बीच भी तीखी प्रक्रिया दी जा रही है। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलहकार जॉन बोल्टन ने सख्त लहजे में कहा था कि “ईरान के साथ बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं और अब बस ईरान को उस खुले दरवाजे से प्रवेश करना है।”
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ईरान ने मंगलवार को अमेरिका के प्रतिबंधों को खारिज कर दिया था और कहा कि हालिया प्रतिबन्ध प्रदर्शित करते हैं कि अमेरिका वार्ता का प्रस्ताव देकर झूठ बोल रहा था। अमेरिका ने सोमवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई और अन्य आठ नेताओं पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे।
अमेरिका ने ओमान की खाड़ी में हुए टैंकर हमले का आरोप ईरान पर लगाया था। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि “इसी दौरान आप बातचीत के लिए प्रस्ताव दे रहे है, आप विदेश मंत्री पर प्रतिबन्ध लगाना चाहते हैं। यह सच है कि आप झूठ बोल रहे हैं।”