राष्ट्रपति हसन रूहानी सोमवार को न्यूयोर्क के लिए रवाना हो गए हैं ताकि यूएन जनरल असेंबली में ईरान के खिलाफ समर्थन हासिल कर सके। रूहानी ने कहा कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के द्वारा उन्हें वीजा जारी करने में आनाकानी के बावजूद उनका प्रतिनिधि समूह यूएन में बैठक करेगा।”
अमेरिका-ईरान के बीच तनाव
तेहरान और वांशिगटन के बीच बीते वर्ष मई से तनाव का दौर जारी है जब ट्रम्प ने साल 2015 परमाणु संधि से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को दोबारा थोप दिया ताकि अधिकतम दबाव बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि “जब अमेरिकी ईरान को इसमें शामिल होने देने की इच्छा नहीं रखते तो हम यह यात्रा कर रहे है। यूएन जनरल असेंबली में शरीक होना और विभिन्न स्तरों पर बातचीत करने हमारे लिए बेहद जरुरी है।”
ईरानी राष्ट्र के खिलाफ की गयी निर्दयी कार्रवाई और इस क्षेत्र में अधिक मुश्किल और जटिल मामले हैं जिसका हमारा क्षेत्र सामना कर रहा है इसे जनता और विश्व के देशो के समक्ष बताने की जरुरत है। खाड़ी सुरक्षा के लिए ईरान के पास एक योजना है।
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “ईरान किसी भी सीमाओं का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देगा।” उन्होंने यह बयान इस्लामिक रिपब्लिक की साल 1980-1988 में इराक के साथ हुई जंग की शुरुआत होने की सालगिरह के आयोजन पर दिया था।
रूहानी ने कहा कि “वह यूएन महासभा सत्र में खाड़ी की शान्ति के लिए ईरानी योजना को पेश करेंगे। इस योजना के तहत पर्शियन खाड़ी के सभी तटीय राज्यों का गठबंधन क्षेत्रीय सुरक्षा मुहैया करेंगे और इसे बरक़रार रखेंगे।” ईरान ने परमाणु संधि की अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करना शुरू कर दिया था और अमेरिका ने क्षेत्र में सैन्य संपत्ति की तैनाती की थी।
सऊदी अरब की दो तेल कंपनियों पर 14 सितम्बर को विध्वंशक हमला किया गया था जिससे तनाव कागी बढ़ गया था। वांशिगटन और रियाद ने इन हमलो का आरोप तेहरान पर लगाया था। ईरानी राष्ट्रपति एक साथ मुलाकात के जवाब में ब्रितानी पीएम ने कहा कि “मैं कह सकता हूँ कि ब्रिटेन को लगता है कि अरामको में हमले के पीछे ईरान का हाथ है।”
जॉनसन ने पत्रकारों से कहा कि “हम सोचते हैं कि ईरान ड्रोन और क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार है। मुश्किल है कि हम कैसे इसे एक स्पष्ट वैश्विक प्रतिक्रिया दें। आगे बढ़ने की क्या प्रक्रिया है। हम अपने अमेरिकी दोस्तों और यूरोपीय मित्रो के साथ मिलकर कार्य करेंगे ताकि खाड़ी में तनाव को कम करने की कोशिश की जा सके।”
अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने कहा कि “हमारा प्रशासन इसे बेहद गंभीर तरीके से ले रहा है और हम परिश्रमपूर्वक कूटनीतिक परिणाम को देखने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके बारे में कोई गलत नहीं कर सकते हैं, अगर हम नाकाम होते और ईरान इस तरीके से हमला करेगा, मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रम्प कोई ऐसा निर्णय लेंगे को उद्देश्यों को हासिल करने के लिए जरुरी होगा।”