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    चीनी उपराष्ट्रपति

    चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशन ने सोमवार को कहा कि “चीन और शेष विश्व का सह अस्तित्व होना चाहिए।” अमेरिका और चीन अभी बिगड़ती व्यापार जंग को सुधारने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बीजिंग की तसिंघुआ यूनिवर्सिटी में विश्व शान्ति मंच के शुरूआती संबोधन में वांग ने कहा कि “चीन का विकास शेष विश्व के अस्तित्व को नजरंदाज़ नहीं कर सकता है। विश्व का विकास चीन को नजरंदाज़ नहीं कर सकता है।”

    वांग ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर संरक्षणवाद के खिलाफ चेतावनी दी थी, हालाँकि इसमें अमेरिका का नाम नहीं लिया गया था। उन्होंने मांग की कि प्रमुख महाशक्तियों को वैश्विक शांति और स्थिरता में अधिक योगदान देना होगा। ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ पक्षपाती व्यापार इरादों, जबरन तकनीक ट्रान्सफर और बौधिक सम्पदा अधिकारों की चोरी का आरोप लगाया है। लेकिन चीन ने इन सभी आरोपों को ख़ारिज किया है।

    दोनों पक्षों ने एक-दुसरे के आयात पर कई स्तर के शुल्कों में इजाफा किया है। अमेरिका द्वारा चीनी दिग्गज कंपनी हुआवेइ पर प्रतिबन्ध लगाने से भी बीजिंग अमेरिका से खफा है। वांग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के काफी नजदीक है और सार्वजानिक स्तर पर दुर्लभ ही बोलते हैं।

    उन्होंने कहा कि “विश्व को चीन की जरुरत है जैसे चीन को विश्व की जरुरत है। बड़े देशों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास हना चाहिए और एक उदहारण सेट करना चाहिए। उन्हें वैश्विक स्थिरता और शान्ति में अधिक योगदान देना चाहिए और संयुक्त विकास के मार्ग को चौड़ा करना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि “सभी मामलो को हल करने के लिए विकास बेहद महत्वपूर्ण है।” इस आयोजन में बीजिंग में स्थित पश्चिमी राजदूत और यूरोपीय परिषद् के पूर्व अध्यक्ष हरमन वान रोम्पुय भी थे।

    अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों के बीच व्यापार वार्ता इस हफ्ते से बहाल होगी और इसमें एक साल से जारी व्यापार जंग को खत्म करने पर बातचीत होगी। बीते महीने जी-20 सम्मेलन के बाद दोनों पक्ष फ़ोन पर वार्ता से संपर्क में हैं। मई में दोनों देशों के बीच बातचीत ठप पड़ गयी थी।

    वांग ने कहा कि “इससे फर्क नहीं पड़ता कि कैसे अंतरराष्ट्रीय हालात विकसित होते हैं या चीन विकसित होता है, वह शान्ति के मार्ग पर ही चलेगा और यहाँ प्रभाव और विस्तार का आभामंडल नहीं होगा। अगर यहाँ शांतिपूर्ण, स्थित अंतरराष्ट्रीय माहौल नहीं हुआ तो यहाँ कोई विकास नहीं होगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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