आर्थिक संकट के साथ ही पाकिस्तान चारों दिशाओं से आतंकवाद से घिरा हुआ है। अमेरिका कई बार पाकिस्तान को साफ़ तौर पर आतंकवाद पर नकेल कसने की हिदायत दे चुका है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान में आतंकी युद्ध लड़ रहे आतंकियों पर लगाम लगनी चाहिए।
माइक पोम्पेओ ने अफगानिस्तान में आतंकियों की दहशत से चुनाव में देरी होने का गुस्सा पाकिस्तान पर निकाला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मतदाताओं को निर्भय होकर वोट देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
अफगानिस्तान की ख़बरों के मुताबिक मतदान केन्द्रों में काफी समस्याएँ हो रही है लिहाजा मतदाता वोट नहीं दे पा रहे है।
अमेरिकी राज्य सचिव ने इस्लामाबाद पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि पाकिस्तान पश्चिमी सीमा पर आतंकियों को सुरक्षित पर्यावरण मुहैया नहीं कराएगा। उन्होंने कहा कि इससे साफ़ शब्दों में वह पाकिस्तान को सन्देश नहीं दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यदि इसे पूर्ण करने में असमर्थ रहता है तो उसे इस युद्ध की जिम्मेदारी लेनी होगी।
माइक पोम्पेओ ने कहा कि सभी अफगानिस्तान में सुलह चाहते हैं और यह तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकी समूह तालिबान, हक्कानी और पाकिस्तान के आतंरिक आतंकवादियों को सुरक्षित शरण मुहैया नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध कर कर रहे आतंकी समूहों की फेरहिस्त तैयार हो रही है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले माह पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता पर पाबन्दी लगा दी थी। अमेरिका ने आरोप लगाए है कि पाकिस्तान आतंकवादियों से समझौते करता रहा है जो भारत और अफगानिस्तान पर हमले करते हैं।
इस माह की शुरुआत में तालिबान का प्रतिनिधि समूह ने क़तर में अमेरिकी राजदूत से मुलाकात की थी। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री अफगानिस्तान में युद्ध के समापन के लिए बातचीत के समर्थक रहे हैं। अमेरिका की सेना साल 2001 से अफगानिस्तान में तैनात है।