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अमेरिका की अफगानिस्तान को मदद

अमेरिका ने मंगलवार को जंग से जूझ रहे देश अफगानिस्तान के लिए 6.1 अरब डॉलर मानवीय सहायता देना का ऐलान किया है। ANI के मुताबिक अमेरिका ने यह मदद जंग की चपेट में आये लोगों, विस्थापित व्यक्तियों और समस्त अफगानिस्तान में शरणार्थियों की वापसी के लिए मुहैया की है।

अमेरिकी मानवीय सहायता

नयी फंडिंग के जरिये तत्काल खाद्य सहायता, पोषण की सुविधा, स्वच्छता किट, साफ़ पानी, टॉयलेट तक पंहुच और अफगानिस्तानी क्षेत्रों में अधिक प्रभावित लोगों के संरक्षण किया जायेगा। इस सहायता से अफगानी शरणार्थियों की भी मदद की जाएगी, जो अफगान समुदाय में दोबारा जुड़ने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

इस नयी सहायता के साथ ही अफगानिस्तान को सबसे अधिक मानवीय सहायता मुहैया करने वाला अमेरिका एकमात्र अनुदाता हो गया है। वित्तीय वर्ष 2018 से अमेरिका ने अफगानिस्तान की जनता की सहायता के लिए 2.93 अरब डॉलर मुहैया किये हैं।

इस अतिरिक्त मानवीय सहायता से जंग, सूखे और प्राकृतिक आपदा के कारण शरणार्थियों, लौटने वालो और विस्थापित लोगों को साफ़ पीने का पानी, स्वच्छता में सुधार, आश्रय, राहत सामग्री, भोजन, आजीविका के अवसर, पोषाहार और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया की जाएगी।

शान्ति वार्ता के बावजूद फैली अशांति

अफगानिस्तान में शान्ति के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय ख़लीलज़ाद चरमपंथी गुट तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके बावजूद तालिबान के हमले जारी है। बीते वर्ष आम नागरिकों की मृत्यु की संख्या में में काफी वृद्धि हुई थी। 3804 लोगों ने इस जंग में अपनी जान गंवाई है। राजधानी काबुल में तीन बार हुए बम विस्फोट से छह लोगों की मौत हो गयी थी। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस ने ली थी।

न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान और अमेरिका के मध्य वार्ता को फलदायी माना जा रहा है। अमेरिका ने अफगानिस्तानी सरजमीं में तैनात 14000 सेनिकों में से आधों को वापस बुलाने की बात की थी।

हाल ही में यूएई में तालिबान प्रतिनिधियों ने अफगान सरकार के अधिकारीयों, अमेरिकी राजदूत व अन्य लोगों से शांति के बाबत बातचीत की थी। साल 1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार रही थी। केवल सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने तालिबान की सरकार को मान्यता दी थी।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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