Sat. May 4th, 2024

    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित करते हुए कहा कि विशेष रूप से भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) के लिए नहीं, बल्कि केंद्र ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संभावित संशोधन के लिए पत्र लिखा है। ऊपरी सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद से ही मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों, राज्यपालों को अनुभवी जांचकर्ताओं और सरकारी वकीलों से परामर्श लेकर के उनके सुझाव भेजने के लिए पत्र लिखा है।

    शाह ने कहा, “बीपीआर एंड डी (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट) के तहत, एक समिति का गठन किया गया है, जो आईपीसी और सीआरपीसी में समग्र बदलाव को लेकर चर्चा करेगा।”

    उन्होंने कहा कि सुझाव प्राप्त करने के बाद सरकार उसी प्रकार से मामले पर कार्य करेगी।

    गृहमंत्री ने कहा, “इसके साथ ही हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को भी दिमाग में रखेंगे।”

    शाह दरअसल कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के उस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार भीड़ हिंसा को परिभाषित करेगी और क्या भीड़ हिंसा से जुड़े मामलों को देखने के लिए आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन किया जाएगा।

    भीड़ हिंसा के मामले को उठाते हुए, द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने सरकार से जानना चाहा कि क्या खासकर के लिंचिंग के मामलों से निपटने के लिए एक कानून का मसौदा प्रस्तावित है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि मौजूदा कानून के किस प्रावधान का प्रयोग गुनाहगारों को सजा दिलवाने के लिए किया जाता है।

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