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    abhishek bachchan aishwarya rai

    अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित फ़िल्म मनमर्ज़ियाँ से अभिषेक बच्चन ने बड़े पर्दे पर वापसी की है। इस फ़िल्म में उनके अभिनय को सराहे जाने के बाद अभिषेक ने कई फ़िल्में साइन की हैं। इनमें से अनुराग बसु की फ़िल्म ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ की सिक़्वल भी है।

    अभिषेक और ऐश्वर्या की शादी के खूबसूरत रिश्ते के बारे में तो हम सब जानते ही हैं और अब अभिषेक ने बात की है बॉलीवुड में अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को दी जा रही फीस के बारे में। फ़िल्म निर्देशक शूजित सिरकर द्वारा लिए गए इंटरव्यू में अभिषेक कलाकारों की अलग-अलग फीस और मीटू मूवमेंट के बारे में भी बात की।

    इस बातचीत में अभिषेक ने बताया कि ऐश्वर्या राय के साथ की गई 9 फिल्मों में से 8 फिल्मों में उन्हें ऐश्वर्या से कम पैसे मिले हैं। आप को बता दें कि अभिषेक और ऐश्वर्या, सर्वेश मेवरा की आने वाली फ़िल्म ‘गुलाब जामुन’ में साथ दिखेंगे।

    अंतिम बार दोनों एक साथ बड़े पर्दे पर 2010 में फिल्म रावण में दिखे थे। भुगतान की समता के बारे में अभिषेक ने कहा कि ,”इस बारे में मैं अपने विचार देना चाहूंगा। दो औरतें जो मेरे करीब हैं मेरी माँ और पत्नी ने फ़िल्म जगत में अपनी शर्तों पर काम किया है। उन दोनों को कभी भी कोई ऐसा काम नहीं करना पड़ा है जो वे नहीं करना चाहती थी।

    फ़िल्म व्यवसाय में लिंग समता के बारे में बहुत बातें होती हैं। मैंने अपनी पत्नी के साथ 9 फिल्मों में काम किया है और उनमे से 8 में मेरी पत्नी को मुझसे ज़्यादा पैसे मिले हैं। फ़िल्म ‘पीकू’ में सबसे ज़्यादा पैसे दीपिका पादुकोण को मिले थे।

    यह एक व्यवसाय है। अगर आप ऐसे कलाकार हैं जिसका नाम बिकता है तो आप को उस हिसाब से पैसे भी मिलते हैं।  नए कलाकार होकर शाहरुख़ खान जितनी फीस नहीं मांग सकते।”

    अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि अगर आपकी बेटी आराध्या अभिनय में अपना भविष्य बनाना चाहेगी तो क्या आपको डर  लगेगा ? इस बात पर अभिषेक ने कहा कि वह कभी नहीं डरेंगे क्योंकि उनकी बेटी यह जानती रहेगी की उसे अपना ध्यान कैसे रखना है।

    मीटू मूवमेंट के बारे में बात करते हुए अभिषेक ने कहा कि एक समाज के रूप में अभी हम तैयार नहीं हैं। और लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि औरतों को किन हालातों से गुज़ारना पड़ता है। उन्होंने अपनी बहन का उदहारण देते हुए यह भी कहा कि हम दोनों को हमेशा बराबर माना गया है।

    उन्होंने आगे कहा कि ,” सबसे पहले तो हमें लोगों का चरित्र निर्धारण बंद करना होगा और किसी को जज करने से पहले उसे सुनने की आदत डालनी होगी। मुझे नहीं पता कि इस आंदोलन का परिणाम क्या है पर इतना जरूर है कि इसने लोगों को सोचने पर मज़बूर किया है और जागरूक बनाया है। यह एक अच्छी शुरआत है। ”

    यह तो हम सब जानते हैं कि अभिषेक बच्चन को अपने अभिनय को लेकर बीते सालों में बहुत आलोचनाएं झेलनी पड़ी हैं। आलोचनाओं के बारे में बात करते हुए अभिषेक ने कहा कि ,”यह मुझे बर्बाद करता है और मैं ऐसा होने देता हूँ। मैं अपनी फ़िल्मों की समीक्षा को अपने स्नानगृह के दीवाल पर चिपका देता हूँ।

    मेरे बुरे अभिनय के बारे में जितनी भी बातें लिखी होती हैं उन्हें मैं हाईलाइट कर देता हूँ। मैं अपनी फ़िल्में रोज़ देखता हूँ।  मैं कोई अहंकारोन्मादी नहीं हूँ। मैं यह सब सीखने के लिए करता हूँ।”

    ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन कभी भी एक दूसरे की तारीफ़ करने से पीछे नहीं हटते हैं। ‘फन्ने खान’ की शूटिंग के दौरान ऐश्वर्या ने कहा था कि ,”इस फ़िल्म के लिए हम पहले ही तैयार हो गए थे। मनमर्ज़ियाँ के बाद ‘गुलाब जामुन’ शुरू होगी। यह बहुत अच्छी कहानी है।”

    यह भी पढ़ें :ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान के फ्लॉप होने पर शाहरुख़ का बयान: लोगों ने फ़िल्म के प्रति ज्यादा कठोरता दिखाई है

    By साक्षी सिंह

    Writer, Theatre Artist and Bellydancer

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