अफगानिस्तान में तालिबान के भय के बावजूद लाखो अफगानी नागरिक और दिग्गज नेताओं ने मतदान किया था। देश में रविवार को तीसरी दफा राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं। टोलो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, धोखादड़ी और कुप्रबंधन के आरोप और पारदर्शिता को लेकर शक के बावजूद अफगानी नागरिको ने मतदान किया।
चुनावो में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अशरफ गनी ने कहा कि “मैं सभी अफगानी नागरिको को लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और एक समृद्ध व संप्रभु अफगानिस्तान की इच्छा के लिए शुक्रिया कहता हूँ। राष्ट्रपति चुनावो में शामिल होने का मतलब अफगानिस्तान के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता है। अफगानिस्तान में चुनाव लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को जारी रखने के लिए दृढ है।”
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने काबुल में अमानी हाई स्कूल में मतदान देने के बाद यह बयान दिया था। अफगानी राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा सेनाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अशरफ गनी ने कहा कि “अफगानी सुरक्षा सेना हमारा गर्व है और उन्होंने अफगानिस्तानी इस्लामिक रिपब्लिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने चुनावो में शामिल होने वाली महिलाओं का भी स्वागत किया है।”
कई अन्य नेताओं अब्दुल्लह अब्दुल्लाह और गनी के द्वितीय उपराष्ट्रपति दानिश ने जनता से भारी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया है। स्वतंत्र निर्वाचन शिकायत परिषद् की प्रमुख जुहरा बयाना शिन्वारी ने कहा कि “यह अफगानिस्तान और उसकी अवाम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।”
उन्होंने कहा कि “हजारो अफगानी सैनिको को समस्त राष्ट्र में सुरक्षा मुहैया करने के लिए तैनात किया गया है। मज़बूत सुरक्षा से चरमपंथियों को रोकने में सफल हो सकेंगे। चरमपंथियों ने मतदान प्रक्रिया में खलल डालने का संकल्प लिया है।”
इस दिन की शुरुआत में दक्षिणी कंधार शहर के एक मतदान केंद्र पर विस्फोट हुआ था। करीब 96 लाख लोगो ने मतदान के लाइट पंजीकरण कराया है। अमेरिका और तालिबान के बीच क़तर की राजधानी दोहा में सिलसिलेवार बातचीत हो चुकी है लेकिन अमेरिका ने इस शान्ति वार्ता को समाप्त कर दिया था।
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक आतंकी हमले को अंजाम दिया था जिसमे एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 नागरिको की मौत हुई थी। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के साथ प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था और साथ ही मुलाकात को भी रद्द कर दिया था।
न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावो के शुरूआती परिणामो का खुलासा 17 अक्टूबर के बाद ही किया जायेगा और अंतिम नतीजे 7 नवम्बर को घोषित किये जायेंगे।
चुनाव के लिए 144146 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ताओं की तैनाती की गयी है। अफगानिस्तान में साल 2014 के राष्ट्रपति चुनाव भ्रष्टाचार की वजह से बर्बाद ही गए थे। चुनावो में राष्ट्रपति अशरफ गनी और विपक्ष के नेता अब्दुल्लह अब्दुल्लाह के बीच कड़ी टक्कर है।