तालिबान ने रविवार को शान्ति के मंत्री के अफगान सरकार के साथ अगले दो हफ्ते में यूरोप में सीधे बातचीत के आयोजन से इंकार कर दिया है। हालाँकि अन्य पक्षों के साथ वार्ता का आयोजन किया जायेगा, जिसमे सरकार भागीदार के तौर पर शामिल हो सकती है।
सरकार के साथ सीधे बातचीत नहीं
टोलो न्यूज़ के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा कि “सरकार के साथ सीधे वार्ता की शुरुआत तालिबान तब ही करेगा जब अफगानी सरजमीं से अमेरिकी सेना की वापसी की समयसीमा का ऐलान किया जाएगा।” अमेरिका की सरकार तालिबान को अफगान सरकार के साथ सीधे बातचीत के लिए रजामंद करने पर अमादा है।
शनिवार को शान्ति के लिए मंत्री सलाम रहीमी ने कहा कि “अगले दो हफ्तों के भीतर ही अफगान की सरकार और तालिबान के बीच सीधे वार्ता का सिलसिला शुरू होगा और यह किसी यूरोपीय देश में आयोजित होगा। 15 सदस्यीय प्रतिनिधि समूह के गठन के लिए विभिन्न पक्षकारो के साथ चर्चा शुरू हो चुकी है।”
रहीमी के ऐलान के बाद ज़लमय खलीलजाद ने स्पष्ट किया कि “जब अमेरिका तालिबान के सतह अपने समझौते को मुकम्मल कर लेगा, उसके बाद ही वार्ता की शुरुआत होगी।” तालिबान ने अशरफ गनी के साथ सीधे बातचीत के लिए इंकार किया है क्योंकि वह उनके प्रशासन को अमेरिका के हाथो की कठपुतली मानते हैं।
बुधवार को फ़ोन कॉल में माइक पोम्पियों ने अशरफ गनी को आश्वस्त किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दक्षिण एशिया रणनीति में कोई परिवर्तन नहीं है। इसमें अमेरिका की सैनिको की वापसी की प्रतिबद्धता भी शामिल है।
गनी ने सचिव स्तर की मुलाकात का स्वागत किया और अमेरिका के साथ मिलकर कार्य करने की अफगानिस्तान की प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी। ताकि एक स्थिर, शांतिपूर्ण, लोकतान्त्रिक अफगानिस्तान मिल सके और आतंकवाद के लिए कोई जगह न हो।