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    अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी

    अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को विशाल चर्चा के मंच जिरगा का उद्घाटन किया है जिसमे तालिबान के साथ शांति के लिए बातचीत का फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि “देश में शान्ति उनकी पहली प्राथमिकता में शुमार है।”

    टोलो न्यूज़ के मुताबिक, अशरफ गनी ने कहा कि “यह गर्व का मौका है, 3200 चयनित प्रतिनिधियों को एक मंच के एक प्रतिष्ठित मंच पर देखने के लिए उत्साहित हूँ। यह तालिबान के साथ शान्ति वार्ता के फ्रेमवर्क को तैयार करेंगे।” यह आयोजन चार दिनों का होगा और इसको अध्यक्षता जिहादी नेता अब्दुल रब रसूल करेंगे।

    उन्होंने कहा कि “चार दिनों का यह जिरगा साबित कर देगा कि देश के चयनित प्रतिनिधि ही ताकत और राष्ट्रीय एकता का प्रतिक है। साथ ही आप इच्छाओं, टैलेंट, समझदारी और विचारो के प्रतिक है और आप शान्ति और समृद्धता की कामना कर रहे हैं।”

    गनी ने कहा कि “वह शान्ति के जल्दबाज़ी के किसी समझौते के समर्थन में नहीं है और जिरगा के प्रतिनिधि इसमें इसका निर्णय करेंगे।” अफगान सरकार और तालिबान के बीच जिरगा एक दरार को पाटने वाले के तौर पर उभर सकता है। तालिबान ने कभी गनी सरकार को स्वीकार नहीं किया है।

    तालिबान ने कई मौको पर अफगान सरकार से बातचीत के खिलाफ बयानबाज़ी की है। तालिबान के मुताबिक अफगानिस्तान की सरकार अमेरिका के हाथो की कठपुतली है। अफगानिस्तान में 17 वर्षों से युद्ध का दौर कजारी है और रोजाना नागरिकों के हताहत होने की सूचना आती है।

    तालिबान ने फरवरी में अफगानी सरकार के प्रतिनिधियों से रूस में मुलाकात की थी। हालाँकि इसमें गनी सरकार के अधिकारी मौजूद नहीं थे। शनिवार को जलमय ख़लीलज़ाद ने अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की थी। जहां शान्ति प्रक्रिया पर नहीं बल्कि समवेशी अफगान वार्ता की जरुरत पर चर्चा हुई थी। हालिया समय में अमेरिका ने तालिबान और अफगान सरकार को बातचीत के लिए मानाने की काफी कोशिश की थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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