अफगानिस्तान में रूस के विशेष राजदूत ज़मीर कबुलोव ने शुक्रवार को मोस्को में तालिबान के प्रतिनिधि समूह से मुलाकात की थी और अमेरिका व चरमपंथियो के बीच शान्ति वार्ता के बहाल होने की जरुरत को बताया था जो अफगानी सरजमीं पर 18 वर्षों के युद्ध का अंत करेगी।
रूस और तालिबान की मुलाकात
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “अफगानिस्तान में रुसी राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि, रुसी विदेश मंत्रालय में एशियाई विभाग के डायरेक्टर ज़मीर कुब्लोव ने मोस्को में तालिबानी प्रतिनिधियों का इस्तकबाल किया था।”
उन्होंने कहा कि “रुसी पक्ष ने अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता के बहाल होने की जरुरत पर जोर दिया था। इसके जवाब में तालिबान ने वांशिगटन के साथ वार्ता को जरी रखने की तत्परता को दोहराया था।” हाला ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान और तालिबान के साथ वार्ता को रद्द कर दिया था।
तालिबान ने काबुल में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमे एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगो की मौत हुई थी। इसके बाद डेविड कैंप में ट्रम्प के साथ होने वाली गुप्त मुलाकात को रद्द कर दिया था। हालाँकि माइक पोम्पियो ने कहा था कि “प्रशासन समझौते के लिए कार्य कर रहा है लेकिन इसे तब तक नहीं बढाया जायेगा जब तक तालिबान अपने वादों पर खरा नहीं उतरेगा।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “तालिबान के साथ वार्ता की मृत्यु हो चुकी है और संकेत दिया कि उन्हें समूह के साथ मुलाकात में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं इस पर चर्चा की तरफ नहीं देख रहा हूँ। मैं किसी पर भी चर्चा नहीं कर रहा हूँ।”
संधि के मुताबिक, अमेरिका को अफगानी सरजमीं से करीब 5000 सैनिको को वापस बुलाना है और इसके बदले तालिबान अलकायदा से अपने सभी संबंधो को तोड़ेगा।