Fri. Mar 29th, 2024
    भारत

    भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान को सलाह दी कि कश्मीर पर पाठ पढ़ाने से पहले अपने मुल्क में है और जबरन गायब करने के मामलो पर तवज्जो दे। यूएनएचआरसी में कश्मीर पर झूठ उगलने से पहले सिंध, बलूचिस्तान और अन्य इलाकों की दयनीय व्यवस्था पर ध्यान दे।

    कश्मीर मुद्दे पर झूठ न फैलाये

    संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् के 42 वें सत्र में भारत की दूसरी स्थायी सदस्य मिनी देवी ने कहा कि “इसमें कोई आश्चर्यजनक नहीं है कि पाकिस्तान झूठे दावो और तथ्यों को तोड़मरोड़ के पेश कर रहा है। हम पाकिस्तान को सुझाव देते हैं कि अपने मुल्क के पीओके, खैबर पख्तुन्वा, बलूचिस्तान और सिंध में अपहरण और हत्या के मामलो पर तवज्जो दे।”

    उन्होंने कहा कि “कश्मीर मामले पर पाक के झूठे दावे इस तथ्य को बदल नहीं देंगे कि अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। इस्लामाबाद की प्रतिक्रिया कश्मीर की जड़ो को तथ्यों से दूर करना है, यह कदम भारत के खिलाफ आतंकवाद को फ़ैलाने की पड़ोसी की नियत में बाधाएं उत्पन्न करेगा।”

    राजदूत ने कहा कि “हम पाकिस्तान को सच्चाई को स्वीकार करने का सुझाव देते हैं कि 370 को निष्प्रभावी करना भारत का आंतरिक मामला है। पाकिस्तान की तरफ से हमें इसी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी क्योंकि इससे भारत के खिलाफ आतंकवाद को फैलाने में बाधा उत्पन्न होगी।”

    कुमार ने पाकिस्तान को आज़ाद भारत के 70 वर्षो के इतिहास पर बोलने से पूर्व अपने मानव अधिकार रिकार्ड्स को देखने और सैन्य तख्तापलट का इतिहास, राजनीतिक हत्या पर नजर डालने की सलाह दी है। इतिहास गवाह है कि जम्मू कश्मीर की जनता ने भारतीय नागरिक होने के नाते भारतीय लोकतंत्र पर आस्था बरक़रार रखी है और सक्रियता से सभी स्तरों पर मुक्त और निष्पक्ष चुनावो में भागीदारी की है।”

    भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव संदीप कुमार बय्यापू ने गुरूवार को कहा कि “मेरे देश के बारे में बेबुनियादी और धोखेबाज कहानियो को फ़ैलाने के लिए एक प्रतिनिधि ने इस मंच का एक बार फिर गलत इस्तेमाल किया है। ऐसी कोशिशे न पहले सफल हुई थी और अन ही अब होगी। सच यह है कि प्रतिनिधि ने जो ज्योग्राफिकल स्पेस को प्रदर्शित किया है जिन्हें अब आतंकवाद के गढ़ के तौर पर जाना जाता है। ऐसे बेबुनियादी झूठ का जवाब देकर हम इसका सत्कार नहीं करेंगे।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *