भारत और चीन शुक्रवार को आखिरकार अफगानिस्तान में शान्ति और स्थिरता लाने के लिए नाजिदी सहयोग करने के लिए मान गए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक, चीन के विशेष राजदूत डेंग क्सीजन नई दिल्ली की यात्रा पर थे और इसी दौरान प्रतिबद्धता दिखाई थी। चीनी राजदूत ने भारत के विदेश सचिव विजय गोखले से भी बातचीत की थी।
अफगानिस्तान शान्ति प्रयास
Chinese Special Envoy Ambassador Deng Xijun today held discussions with Indian officials on the situation in Afghanistan, including peace and reconciliation efforts. He also called on Foreign Secretary Vijay Gokhale. 1/2
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 10, 2019
The two sides agreed to consult closely on the evolving situation in Afghanistan and carry forward the decision taken by the leadership of the two countries on joint cooperation in Afghanistan.2/2
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 10, 2019
रवीश कुमार ने ट्वीटर पर लिखा कि उन्होंने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातो पर चर्चा के लिए भारतीय अधिकारीयों से मुलाकात की थी, इसमें शान्ति और सुलह प्रयास भी शामिल थे। साथ ही विदेश सचिव से भी उनकी बातचीत हुई थी। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के हालातो पर कार्य करने की सहमति जाहिर की है और इस निर्णय के लिए दोनों देशों के नेतृत्व की तरफ प्रस्ताव को भेज दिया गया है।
रवीश कुमार ने ट्वीटर पर कहा कि “चीनी विशेष राजदूत डेंग क्सीजन ने आज अफगानिस्तान के हालातो पर भारतीय अधिकारीयों से चर्चा की थी।” बीते वर्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान में अनौपचारिक मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने नई दिल्ली और बीजिंग के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिए अफगान शान्ति प्रयासों में सहयोग करने पर रज़ामंदी दी थी। साल 2017 में भूटान के डोकलाम में सड़क निर्माण के कारण दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक विवाद जारी था, जिसका सीधा असर द्विपक्षीय सम्बन्धो पड़ा था।
मंगलवार को अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय ख़लीलज़ाद ने भारतीय अधिकारीयों और अन्य सम्बंधित पक्षों से मुलाकात की थी। उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की थी। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव विजय गोखले और अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत विनय कुमार से भी मुलाकात की थी।
बैठक के दौरान ख़लीलज़ाद ने अफगान शान्ति प्रक्रिया में भारत के सहयोग का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। बीते वर्ष नवंबर में भारत ने मॉस्को में आयोजित तालिबान के साथ शान्ति वार्ता में गैर आधिकारिक स्तर पर शिरकत की थी। इस बैठक में तालिबान के अधिकारी मौजूद थे और भारत ने दो पूर्व राजनयिकों को इस बैठक में भेजा था।