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    इस्लामिक स्टेट

    अफगानिस्तान की सेना ने कहा कि “तालिबान के फरयाब प्रान्त के कैंसर जिले में स्थित तालिबान की कैद से बुधवार रात को 83 लोगो को बचाया था।” शाहीन कॉर्प्स के प्रवक्ता मोहम्मद हनीफ रेज़ाई ने बताया कि “इस अभियान को अफगानिस्तान की विशिष्ट सेना ने संचालित किया था।”

    तालिबान ने इस पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इन शिविरों की सुरक्षा में तैनात चरमपंथी सैनिको के आगमन से पूर्व फरार हो गए थे। नागरिकों को आवास मुहैया करने से पूर्व पहचान के लिए सैन्य शिविरों को शिफ्ट कर दिया गया है। वे जल्द ही अपने परिवार के साथ होंगे।

    तालिबान के चरमपंथी निरंतर सरकार के लिए जासूसी के शक में राज्य्मार्गो और गाँवों से नागरिकों का अपहरण करते रहते हैं। अफगानी सरजमीं पर संघर्ष बरक़रार रहने से अमेरिका और चरमपंथियों के बीच बातचीत का सिलसिला थम सा गया है।

    तालिबान और अमेरिका के अधिकारीयों के बीच बीते वर्ष से शान्ति वार्ता का दौर जारी है। तलिबान ने निरंतर राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार से मुलाकात के प्रस्ताव को खारिज किया है, उनके मुताबिक अफगानिस्तान सरकार अमेरिका के हाथो की कठपुतली है।

    हाल ही में तालिबान द्वारा पाकिता प्रांत में स्थित एक सुरक्षा चेकप्वाइंट पर किए गए हमले में चार पुलिसकर्मी मारे गए। एक घायल पुलिसकर्मी को सोमवार सुबह अस्पताल में दाखिल किया गया। एक अलग घटना में दो पुलिसकर्मी उस समय घायल हो गए जब तालिबान आतंकवादियों ने काबुल से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित गारदेज शहर के बाहरी इलाके में उन पर हमला कर दिया।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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