अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के दो सैनिकों की मौत हो गयी है। बीबीसी के मुताबिक उनकी शुक्रवार को हत्या हो गयी थी लेकिन मृतकों के नाम 24 घंटो के बाद ही बताये जा सकते हैं जब उनके परिवारजनों को सूचना दे दी जाएगी। इस वर्ष अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मृत्यु का आंकड़ा चार हो गया है।
अलबत्ता, अमेरिका और तालिबान के बीच अफगान शान्ति प्रक्रिया पर बातचीत जारी है। ताकि 17 साल से जारी इस युद्ध को का अंत किया जा सके। अमेरिका के वरिष्ठ राजदूत शान्ति के लिए तालिबान के सह संस्थापक से पहली बार फरवरी में मिले थे। हालाँकि बातचीत के बावजूद देश के हालात बेहद खतरनाक है।
बीते वर्ष आम नागरिकों की मृत्यु की संख्या ने रिकॉर्ड बनाया है। बीते वर्ष 3804 लोगों ने इस जंग में अपनी जान गंवाई है। राजधानी काबुल में तीन बार हुए बम विस्फोट से छह लोगों की मौत हो गयी थी। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस ने ली थी।
नाटो के हज़ारों सैनिक तालिबान के खिलाफ सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान की सरजमीं पर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 14000 में से आधे सैनिकों को वापस बुलाने की योजना बनायीं है।
हाल ही में अफगानिस्तान की विशेष सेना ने बीते 24 घंटों में देश में हवाई हमलो से किये अभियान में 60 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। खामा प्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट जारी का कहा कि “बराकी बराक और लोगर के चरख और वरदक प्रान्त के सैय्यदबाद जिले में जारी अभियान में 29 तालिबानी आतंकियों को ढेर कर दिया था।”
बीते सप्ताह अफगानिस्तान के शहर जलालाबाद की कंस्ट्रक्शन कंपनी में बुधवार को एक फियादीन हमलावर और बंदूकधारी ने हमला कर दिया और 16 कर्मचारियों को मार दिया। नांगरहार प्रान्त के गवर्नर के प्रवक्ता ने बताया कि “यह हमला तब शुरू हुआ, जब दो फियादीन हमलावरों ने खुद को कंपनी के बाहर उड़ा दिया और बंदूकधारी ने ओपन फायर शुरू कर दी थी।”