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अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिक.jpg

अमरीकी राष्ट्रपति अफगानिस्तान में तैनात अपने 14 हज़ार सैनिकों में से आधे कोवापस बुलाने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्णय का पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने स्वागत किया है।

पाकिस्तान की सराहना

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुल्तान के शहर में पत्रकारों से कहा कि तालिबान और अमेरिका के मध्य आगामी शांति वार्ता के लिए यह निर्णय बेहद अच्छा है। उन्होंने कहा की पाकिस्तान इस हफ्ते की शुरुआत में हुए शांति वार्ता का अबू दाभी में आयोजन का समर्थन करता है।

पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत के लिए हम तालिबान के सदस्यों को रिहा कर देंगे। अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद के साथ तालिबान की हाल ही में बैठक हुई थी। खलीलजाद ने ट्वीट कर इस वार्ता को फलदायी बताया था।

तालिबान ने पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों के साथ भी शांति वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान तालिबान अफगानिस्तान की सरजमीं से विदेशी बलों को बाहर निकालने की मांग रखेंगे।

अमेरिकी राजदूत की शांति वार्ता के लिए मुलाकात

अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़लमय खलीलजाद पूर्व में कई शांति के समर्थकों से मुलाकात कर चुके हैं और आगे भी जारी रखेंगे। इस विवाद का बातचीत से अंत के लिए तालिबान सहित सभी इच्छुक पार्टियों से मुलाकात करेंगे। अफगानिस्तान की बख्तर न्यूज़ एजेंसी के निदेशक खलील मिनावी ने कहा कि अमेरिकी अधिकारीयों, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूएई की मुलाकात पहले रविवार को होगी, इसके बाद पाकिस्तानी समर्थित अमेरिकी-तालिबान की बैठक आयोजित होगी।

चुनावों से पूर्व समझौता

ज़लमय खलीलजाद ने कहा कि वह अफगानिस्तान में 20 अप्रैल राष्ट्रपति चुनावों से पूर्व समझौते तक पहुंचना चाहते हैं। इस माह के शुरुआत में खलीलजाद ने पाकिस्तान में प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ मुलाकात की थी और पाकिस्तान से तालिबान को वार्ता के लिए राज़ी करने को कहा था।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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