अफगानिस्तान में नियुक्त अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय ख़लीलज़ाद बातचीत के लिए गुरुवार को पाकिस्तान के दौरे पर पंहुचे हैं। इस दौरान में ख़लीलज़ाद पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
पाकिस्तान की खबरों के मुताबिक अमेरिकी राजदूत पहले मंगलवार को पाकिस्तान की यात्रा करने वाले थे लेकिन काबुल में कई बैठकों के कारण उन्होंने बाद मे पाकिस्तान की यात्रा करना बेहतर समझा था।
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया, तालिबान के साथ वार्ता और अफगानिस्तान के अमेरिकी सेना की वापसी के मसलों पर बातचीत करेंगे। एक अखबार ने पाकिस्तान राजनयिकों के हवाले से बताया कि अफगानिस्तान सुलह प्रक्रिया में तालिबान को बातचीत के लिए राजी करने के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों पर दबाव बनाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विदेश विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। हाल ही में तालिबान चरमपंथियों ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने अमेरिकी विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद से मुलाकात की थी। इस चर्चा को जारी रखते हुए पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों के साथ भी शांति वार्ता के लिए मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान तालिबान अफगानिस्तान की सरजमीं से विदेशी बलों को बाहर निकालने की मांग रखी थी।
जलमय ख़लीलज़ाद ने बीते माह अबुधाबी में कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। जंग से ग्रसित देश के समाधान के लिए अमेरिकी राजदूत 8 से 21 जनवरी कर बीच भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के दौरा बातचीत कर लिए करेंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते हफ्ते अफगानिस्तान में तैनात 14 हज़ार अमेरिकी सैनिकों में से आधों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम ने उनके साथियों, कूटनीतिज्ञों और काबुल अधिकारीयों को सकते में डाल दिया था।
हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की आलोचना करते हुए कहा कि वह अफगानिस्तान में शांति के लिए सार्थक भूमिका नही निभा रहा है। दरअसल भारतीय प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के निर्माण की योजना डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा की थी।