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    ईरान के एलीट रेवोलुशनरी गार्ड के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि सीरिया में ईरान की सेना तैनात रहेगी। हालांकि उन्हें यह भय बरकरार है कि अगर ईरानी सेना ने देश नही छोड़ा तो उन पर इजराइल आक्रमण करता रहेगा यानी वे सीरिया में इजराइल की सेना का निशाना रहेंगे।

    इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा था कि सीरिया में इजराइल की सेना ईरानी सेना पर आक्रमण जारी रखेगी, जब तक वे देश नही छोड़ देते हैं।

    रेवोलुशनरी गार्ड के मेजर कमांडर ने कहा कि सीरिया में ईरान अपने सैन्य सलाहकार, विरोधी सेना और हथियार तैनात रखेगा। मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने कहा कि बेंजामिन नेतन्याहू का खतरा एक मजाक है। उन्होंने इजराइल की सेना को चेताया कि वह शेर की पूंछ के साथ खेल रही है।

    उन्होंने कहा कि इजराइल को उस दिन से खौफ करना चाहिए जब जब हमारी सटीक निर्देशित मिसाइल आप पर भारी पड़ती है।

    चरमपंथियों और विद्रोहियों के खिलाफ सात साल से चल रहे युद्ध मे ईरान और रूस बशर अल असद, सीरिया के राष्ट्रपति का समर्थन बीते सात वर्षों से कर रहे हैं। उन्होंने सीरिया में दस हज़ार सैनिकों की तैनाती की है।

    हाल ही में इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा था कि सीरिया में ईरानी हथियारों पर इजराइल ने वीकेंड हवाई हमला किया था। ईरानी हथियारघर पर 36 घंटों के भीतर हवाई हमले के बाद इसकी पुष्टि की गयी है। इजराइल बमुश्किल ही ऐसे हवाई हमलों की जानकारी सार्वजानिक रूप से मुहैया करता है।

    सीरिया में जारी संघर्ष के अंत के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सैनकों की वापसी का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर के जरिये जनता को पैगाम दिया कि हैं सीरिया में आईएसआईएस को शिकस्त दे दी है, मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सेना की वहां तैनाती का यही कारण था। प्रशासन का पिछले सप्ताह आईएसआईएस को मात देने पर संशय था और अमेरिका का इस जंग में सहयोग जारी रखने की सलाह दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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