Sat. Nov 23rd, 2024
    समाजसेवी अन्ना हज़ारे

    गाँधी जयंती के मौके पर समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने राजघाट पर सत्याग्रह किया है। अन्ना ने बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 6 साल बीतने को आये पर अभी तक लोकपाल का नामो-निशान नहीं है। मोदी सरकार भ्र्ष्टाचार रोकने में फ़ैल है। जनलोकपाल और लोकायुक्त को लेकर गंभीर नहीं है। अन्ना ने आगे कहा कि जनता कि बदहाली का कारण सिर्फ भ्रष्टाचार है, मोदी सरकार इसे रोकने के लिए कोई उपाय नहीं करती है तो इस साल दिसम्बर से या अगले साल जनवरी में फिर वे संघर्ष के लिए मैदान में उतरेंगे।

    अन्ना ने कहा कि पिछले 35 सालो से मैं आंदोलन कर रहा हु। पिछले 6 सालो से मैं लोकपाल के लिए लड़ रहा हूँ। पिछली सरकार लोकपाल के लिए आश्वासन दिया था, बीजेपी उस वक़्त विपक्ष में थी फिर भी लोकपाल का समर्थन किया था। परन्तु जब आज सत्ता में 3 साल हो गए है, अभी तक कुछ नहीं किया है।

    अन्ना ने आगे कहा कि भारत को आज़ादी मिले हुए लगभग 70 साल गुज़र गए है, लेकिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने अभी तक पुरे नहीं हुए है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आज राजघाट पर गांधीजी को नमन करने आया हूँ, आज व्यथित होने का कारण है। अन्ना ने कहा कि दुखी नहीं हूँ, दुखी वे लोग होते है जो स्वार्थी होते है। अन्ना ने कहा कि आज व्यथित हूँ क्योकि आज गांधीजी का जो सपना था वह पूरा नहीं हुआ है।

    समाजसेवी अन्ना हज़ारे सोमवार को गाँधी जयंती के उप्लक्छ्य पर दिल्ली आये जहां उन्होंने राजघाट जाकर गांधीजी को नमन किया और एक दिन का सत्याग्रह कर रहे है।

    दरअसल अन्ना हज़ारे ने रविवार को दिए अपने एक बयान में कहा था कि देश महात्मा गाँधी के सपने के रास्ते से भटक गया है। इसलिए वह गाँधी जयंती के मौके पर एक दिन का सत्यग्रह करेंगे। इसके मद्देनज़र अन्ना सोमवार को राजघाट पहुँच कर सत्याग्रह शुरू किया।

    अन्ना ने पिछले दिनों नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर भ्रष्टाचार और किसानो की आत्महत्या की समस्याओ पर अपनी नाराज़गी जाहिर की थी और उसे लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।

    अन्ना ने जो खत लिखा था उसमे लिखा था कि उनके आंदोलन के 6 साल बाद भी भ्रष्टाचार रोकने के एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया है। लोकपाल, लोकायुक्त की नियुक्ति करने वाले और भ्रष्टाचार रोकने वाले सभी सशक्त बिलों पर सरकार सुस्त है लगता है उन्हें भ्रष्टाचार से लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। किसान की समस्याओ को लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को भी नहीं अमल किया जा रहा है। सरकार के इस रवैये से नाराज़ होकर अन्ना ने पत्र में तमाम मसलो पर लिखा था। और कोई जवाब नहीं मिलने पर दिल्ली में आंदोलन की बात की थी।

    अन्ना ने सीधा आरोप लगते हुए कहा कि बीजेपी ने अपना वादा नहीं निभाया, बीजेपी ने लोकपाल और लोकायुक्त बनते समय दोनों सदन में बीजेपी विपक्ष में थी और तब उन्होंने इसका पूरा समर्थन किया था। इसके बाद जब 2014 में जब बीजेपी की लोकसभा चुनाव में जीत हुई और सरकार बनी तो इनसे जनता को पूरी उम्मीद थी कि बीजेपी लोकपाल के लिए काम करेगी परन्तु सरकार बनने के बाद बीजेपी लोकपाल और लोकायुक्त को नियुक्त वादे भूल चुकी है। हमे सरकार कमुद्दे पर अमल करने के लिए पर्याप्त समय देना जरुरी था, और हमने इस सरकार को तीन साल दिए है पर ये उन मुद्दे को याद्द नहीं करना चाहते है।

     

    अन्ना ने कई चिठिया लिखी जिनमे उन्होंने लिखा कि आपने सत्ता में आने से पहले वादा किया था, भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे, हालाँकि आप 3 साल से लोकपाल और लोकायुक्त कि नियुक्ति नहीं कर सके इसी कारण आपकी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार फटकार लगाई है। इससे साफ़ दिखाई देता है कि आप में लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल करने कि इच्छाशक्ति आप में नहीं है।

     

    अन्ना ने देश में हो रही लगातार किसानो कि हत्या पर भी खतो में लिखा। अन्ना ने लिखा मौजूदा वक्त में खेती पैदावारी में किसानो को लागत पर आधारित दाम मिले। अन्ना ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के बारे में भी सरकार से सवाल किये थे हालंकि सरकार कि तरफ से इसपर भी कोई जवाब नहीं आया था।

     

    अन्ना ने अंतिम पत्र में लिखा कि आपने मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया था, पिछले तीन सालो से पत्रों का जवाब नहीं आने पर मैंने आंदोलन का निर्णय लिया है। जब तक पत्रों में लिखे मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय नहीं होता और अमल नहीं होता तक में दिल्ली में आंदोलन जारी रखूँगा।

     

    गाँधी जयंती पर जब अन्ना हज़ारे ने दिल्ली में सत्याग्रह किया है और साथ ही उन्होंने आंदोलन की तारीख भी बताई है उन्होंने कहा है कि दिसम्बर 2017 के अंतिम सप्ताह या जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में वे आंदोलन कि शुरुआत करेंगे।

     

    अन्ना ने आगे आंदोलन में भागीदारी लेने वालो के बारे में कहा कि आंदोलन के वक़्त स्टेज पर कोई पक्ष या पार्टी का मेंबर नहीं होगा अगर किसी को शामिल होना है तो जनता में बैठो।