सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुराग कश्यप और राष्ट्रिय फ़िल्म विकास निगम के एक गुमनाम व्यक्ति के खिलाफ़ अतिरिक्त भुगतान और अनियमित वित्तियता के मामले में मुकदमा दायर किया है।
यह मुकदमा पिछले महीने दायर कराया गया है और राष्ट्रिय फ़िल्म विकास निगम ने अध्यक्ष के नाम एक नोटिस भी ज़ारी किया गया है।
हालांकि अनुराग कश्यप ने ऐसी किसी भी जाँच होने की खबर को सिरे से नकार दिया है। अनुराग कश्यप ने ट्विटर पर लिखा है कि, “कथित जाँच की खबरें पूरी तरह गलत हैं। मेरे खिलाफ़ कोई भी नोटिस ज़ारी नहीं किया गया था। केवल मीडिया द्वारा ही मुझतक यह प्रश्न पहुँच रहें हैं। यदि किसी के पास उस पत्र की कोई प्रति है तो मुझे भेजें।”
The reportage so far on the alleged "investigation" is false, There is no such notice that has been served to me. Only questions i have been getting is from the media . If anyone has seen the copy of such a letter please send me the screenshot .
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) November 22, 2018
अनुराग कश्यप का प्रोडक्शन हाउस ‘फैंटम फ़िल्म्स’ अब टूट चुका है। इसके एक भागीदार, निर्देशक विकास बहल पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। अनुराग कश्यप की फ़िल्में भारतीय सिनेमा में हिंसा को इस कदर दिखाती हैं जैसा किसी ने भी नहीं दिखाया है।
हिंसक फ़िल्मों के बारे में बताते हुए अनुराग ने कहा कि, “मुझे लोगों को उनके सबसे बड़े डर से अवगत कराने में मज़ा आता है। मुझे नायक द्वारा की गई हिंसा परेशान करती है जहां फ़िल्में आपको हीरो बनने और लड़ाई करने के लिए प्रेरित करती हैं।
फ़िल्मों में हिंसा दिखाने के मेरे विचार से मतलब होता है कि मैं दर्शकों को ऐसा कुछ दिखा सकूँ जो उन्हें परेशान करे।”
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