अदिति राव हैदरी जिन्हें पिछले महीने हिंदी और दक्षिण सिनेमा में अपने योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था, उन्होंने बताया कि उनके लिए रास्ता बिलकुल आसान नहीं था। एक चैट शो में, अभिनेत्री ने अपने सबसे अजीब ऑडिशन के बारे में बताया।
जब होस्ट अनाईता श्रॉफ अदजानिया ने उनसे अजीब ऑडिशन के अनुभव के बारे में सवाल पूछा तो अदिति ने कहा-“मेरे पास ऑडिशन की कोई ऐसी अजीब यादें तो नहीं, सिवाय ‘यह साली ज़िन्दगी’ के ऑडिशन के जहाँ मुझे वास्तव में एक ऐसे इन्सान के साथ मेक-आउट करना पड़ा जिसे मैं जानती भी नहीं।”
वो अभिनेता अरुणोदय सिंह थे जिन्हें सुधीर मिश्रा की फिल्म में अदिति के विपरीत कास्ट किया गया था। अदिति ने आगे कहा-“लेकिन उस वक़्त मैं उन्हें जानती नहीं थी और वह हल्क जैसे बड़े पुरुष थे और मैं सोच रही थी कि यहाँ क्या हो रहा है?” उन्होंने आगे ये भी बताया कि अरुणोदय काफी सभ्य थे।
इस फिल्म में इरफ़ान खान और चित्रांगदा सिंह ने भी अहम किरदार निभाया था। अदिति ने इंटरव्यू के दौरान ये भी खुलासा किया कि कैसे वह मणि रत्नम की ‘बॉम्बे’ देखने के बाद, अभिनय की दुनिया में कदम रखने की चाहत रखने लगी थी।
फिर बॉलीवुड में अपना जादू बिखेरने के बाद, अभिनेत्री का सपना 2017 में पूरा हुआ जब उन्होंने मणि के साथ पहली बार फिल्म ‘कातरु वेलियिदै’ में काम किया। अभिनेत्री ने अपने दादासाहेब फाल्के पुरुस्कार की तस्वीर साझा करते हुए अपनी तमिल और तेलेगु दर्शको का धन्यवाद भी किया था।
उन्होंने कैप्शन में लिखा-“मेरे अद्भुत तमिल और तेलुगु दर्शकों के लिए … बिना शर्त प्यार के लिए धन्यवाद … अभी सिर्फ दो साल हुए हैं और यह अद्भुत रहा है।”