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    कुमार विश्वास

    भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री संवर लाल जाट के आकस्मिक निधन से खाली हुई अजमेर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। भाजपा की तरह से अभी कोई नाम सामने नहीं आया है पर कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अजमेर के पूर्व सांसद रहे सचिन पायलट की दावेदारी तय मानी जा रही है। इसी बीच आम आदमी पार्टी की राजस्थान इकाई के कुछ नेताओं ने राज्य के पार्टी प्रभारी कुमार विश्वास से अजमेर उपचुनावों में उतरने की मांग की है। बता दें कि कुमार विश्वास के राजस्थान आप का प्रभारी बनने के बाद पार्टी की छात्र इकाई ने छात्रसंघ चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। ऐसे में कुमार विश्वास को उपचुनावों में उतारने की मांग उठ रही है।

    आम आदमी पार्टी की राजस्थान इकाई के 5 सदस्य सोमवार शाम दिल्ली स्थित आप कार्यालय पहुँचे। उन्होंने आम आदमी पार्टी की रीढ़ की हड्डी मानी जाने वाली पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के सदस्यों से मिलने के लिए समय माँगा है। इन्होने मांग की है कि राजस्थान आप प्रभारी कुमार विश्वास को अजमेर लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाया जाए। इन्होंने तर्क दिया है कि अजमेर कुमार विश्वास की ससुराल है। राजस्थान के युवाओं में कुमार विश्वास की अच्छी पकड़ है और वह राज्य में 2,000 से अधिक कवि सम्मलेन कर चुके हैं। वह राजस्थान में एक जाना-पहचाना चेहरा भी हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी से आप की जीत संभावनाएं बढ़ जाएंगी। हालाँकि इसे राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर कुमार विश्वास की दावेदारी को खारिज करने की साजिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

    इस पर सफाई देते हुए आम आदमी पार्टी राजस्थान ने कहा है कि अजमेर लोकसभा उपचुनावों में कुमार विश्वास की उम्मीदवारी की खबरें गलत हैं। अपने ट्विटर हैंडल पर आप राजस्थान ने लिखा है, “आप राजस्थान के कुछ कार्यकर्ता केंद्रीय कार्यालय के कुछ भ्रामक लोगों के षड्यंत्र के प्रभाव में आ रहे हैं। अजमेर लोकसभा क्षेत्र से कुमार विश्वास की उम्मीदवारी की सूचना गलत है। राजस्थान की धरती पर यहीं का कार्यकर्ता चुनाव लड़ेगा। कुमार विश्वास समय पर यहाँ प्रचार करें और चुनाव जितवाएं। यह खुशी की बात होगी।” कुमार विश्वास के अजमेर लोकसभा उपचुनावों में दावेदारी के खबरें तब जोर पकड़ रही हैं जब वह दिल्ली की 3 राज्यसभा सीटों में से 1 सीट की मांग कर चुके हैं।

    बता दें कि 2018 की शुरुआत में जनवरी में दिल्ली की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और इन तीनों सीटों पर ही उसके सांसद चुने जाएंगे। आप के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास के पिछले कुछ वक्त से पार्टी संगठन से मतभेद चल रहे हैं। कुमार विश्वास कई मौकों पर खुलकर पार्टी की खिलाफत कर चुके हैं। बीते दिनों तो यह उड़ती-उड़ती खबर आई थी कि कुमार विश्वास आप का दामन छोड़ सकते हैं। कुमार विश्वास की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें आप की राजस्थान इकाई का प्रभारी बनाया गया था।

    कुमार विश्वास ने बीते दिनों पार्टी आलाकमान से अपने लिए दिल्ली की एक राज्यसभा सीट मांगी थी। केजरीवाल खेमे के अहम सदस्य और आप की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्य संजय सिंह, आशुतोष और गोपाल राय अभी तक राज्यसभा चुनावों के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं। जल्द ही आप की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक होगी जिसमें राज्यसभा भेजने के लिए उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया जाएगा। कुमार विश्वास भी कमेटी के सदस्य हैं और बैठक में वह भी शामिल होंगे। कमेटी आप के अन्य प्रदेशों के नेताओं के अतिरिक्त दिल्ली कैबिनेट और संगठन में शामिल कुछ अंदरूनी नेताओं के नाम भी आगे कर सकती है।

    मीडिया से बातचीत में आप के प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने कहा, “राज्यसभा में नाम किसका जाएगा ये पॉलिटिकल अफेयर कमिटी तय करेगी। अभी फिलहाल कमेटी की कोई मीटिंग नहीं हुई है। जहाँ तक कुमार विश्वास के अजमेर से लोकसभा उपचुनाव लड़ने की बात है तो वो खुद आगे आएं और दावेदारी करें।” बीते दिनों हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कुमार विश्वास ने मंच से अरविन्द केजरीवाल और अपने अन्य विरोधियों पर तंज कसते हुए परोक्ष रूप से तीखे प्रहार किए थे।

    कुमार विश्वास कई बार यह जता चुके हैं कि आम आदमी पार्टी में उन्हें दरकिनार किया जा रहा है और सक्रिय राजनीति में उनकी भूमिका ना के बराबर हो गई है। सियासी मंचों से लेकर ट्विटर हैंडल तक हर जगह कुमार विश्वास का यह दर्द छलक जाता है। आज कल सोशल मीडिया पर भी कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने की मांग जोर पकड़ रही है और कई सियासी दिग्गज भी इसकी वकालत कर चुके हैं। ऐसे में केजरीवाल खेमा कुमार विश्वास की दावेदारी को धूमिल करने के लिए अजमेर लोकसभा उपचुनावों में उनका नाम आगे करना चाहता है। इस तरह बिना किसी विरोध के केजरीवाल खेमा अपने पसंदीदा चेहरों को राज्यसभा भेज सकता है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।