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    अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ

    सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री योगी से राजपाट नहीं संभलता है और मुझसे पूजा-पाठ नहीं होता है। योगी सरकार ने कार्यकाल के 6 महीने पूरे होने के बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं को उजागर करते हुए श्वेत पत्र जारी किया था। इस पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनके कार्यकाल के खिलाफ जारी किया गया श्वेत पत्र सफेद झूठों से भरी किताब है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पास विकास का कोई मुद्दा नहीं है और वह फिर से कोई धार्मिक मुद्दा उठाकर चुनाव जीतने की कोशिश करेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर कोई उनसे मंत्राचार या पूजा-पाठ करने को कहे तो वह नहीं कर सकेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी यही हाल है। कर्मकांडी योगी से राजपाट नहीं संभल रहा है।

    अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ सभी भाजपा नेताओं को लपेटे में लेते हुए कहा कि भाजपा के पास विकास का कोई मुद्दा नहीं बचा है। केंद्र और राज्य दोनों ही जगह भाजपा असफल रही है। बाबा राम रहीम के साथ सभी भाजपा नेताओं की तस्वीरें प्रकाशित हो चुकी हैं और इससे बचने के लिए भाजपा सरकार श्वेत पत्र ला रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता को बहका कर और झूठे चुनावी वादें कर सत्ता पर काबिज हो गई थी। अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वह फिर से कोई नया अफीमी मुद्दा तलाश रही है जो उसे जीत दिला सके। वह बाकी सभी अहम मुद्दों को किनारे करना चाहती है। जनता को इस बार सावधान रहना होगा।

    कर्जमाफी की उड़ाई खिल्ली

    अखिलेश यादव ने योगी सरकार द्वारा की गई किसानों की कर्जमाफी की खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी योगी सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। किसी किसान का 1 पैसे का कर्ज माफ हुआ है तो किसी का 84 पैसे का। और तो और सरकार ने इस कर्जमाफी के प्रमाण पत्र भी जारी किए हैं जिनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी छपी है। कर्जमाफी भाजपा का चुनावी दांव है और भाजपा सरकार ने किसानों को साधने के लिए यह कदम उठाया है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आएं और यह बताए कि कौन से पेड़ पर कौन सा फल लगेगा। मुझे किसान की परिभाषा पता है और मुख्यमंत्री को भी जान लेनी चाहिए।

    योगी सरकार ने जारी किया था अखिलेश सरकार का श्वेत पत्र

    अपने सरकार के कार्यकाल के 6 महीने पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई अनियमितताओं को उजागर करने के लिए 18 सितम्बर को श्वेत पत्र जारी किया था। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने कार्य नहीं कारनामे किए थे। उन्होंने श्वेत पत्र को जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही बताते हुए कहा था कि प्रदेश की जनता को यह पता लगना चाहिए कि जनता के द्वारा चुनी गई सरकार ने जनता के लिए क्या किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि अखिलेश सरकार के दौरान प्रदेश में हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला था और हर क्षेत्र में अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा लगातार बढ़ता रहा।

    योगी आदित्यनाथ ने श्वेत पत्र में जारी आंकड़ों को पढ़ते हुए कहा था कि आज उत्तर प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा बढ़कर 91,000 करोड़ रूपये तक पहुँच चुका है। प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों की आर्थिक नीतियों ने आज प्रदेश को इस हालत में पहुँचा दिया है कि देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के बाद भी आज हमारे युवा राज्य से लगातार पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि अखिलेश सरकार की नीतियां जन विरोधी थी और सरकार भ्रष्ट और गैर जिम्मेदार थी। सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास को रोका और उसे भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल दिया। उन्होंने दोहराया था कि प्रदेश सरकार अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुई सारी नियुक्तियों पर रोक लगा चुकी है और उनकी सीबीआई जाँच कराएगी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।