अक्षय कुमार आजकल सामाजिक मुद्दों को बड़े परदे पर ला रहे है और इससे अधिक से अधिक लोग इन मुद्दों के प्रति जागरूक भी हो रहे है। अभी हाल ही में रिलीज़ हुई अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ना शुरू कर रही है। ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में। राजस्थान के एक फॅमिली कोर्ट में एक महिला की तलाक की याचिका पर सिर्फ एक ही वजह से मोहर लगायी गयी। वो वजह थी कि उस महिला के ससुराल में शौच की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। कोर्ट ने इस प्रताड़ित महिला की अर्ज़ी स्वीकारते हुए कहा कि घर में शौच नहीं होना, महिलाओं के प्रति क्रूरता और सामाजिक कलंक को दर्शाता है।
भीलवाड़ा के फॅमिली कोर्ट ने अपने तर्क में इस मुद्दे की गहरायी में जाते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं को दिन ढल जाने का इंतज़ार रहता है, जिससे वो रात के अन्धकार में शौच कर सके। कोर्ट ने उन हज़ारो लोगों पर भी टिप्णणी की जो शराब और अन्य हानिकारक चीज़ों पर बेफिज़ूल खर्च करते है पर उनके घर में महिलाओं के लिए एक शौच भी नहीं है। कोर्ट ने इस पर कहा कि यह भी बड़ी विडम्बना है। उन्होंने यह तक कहा कि इसके चलते, लोगों को अंदाज़ा भी नहीं है कि महिलाओं को किस हद तक शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ता है।
इस राजस्थान की महिला का विवाह 2011 में एक ऐसे घर में हुआ जहाँ न तो शौच था और न ही रहने को कोई कमरा। महिला ने निरंतर अपने ससुराल वालों को घर में शौच बनवाने का अनुरोध किया। पर कुछ भी कदम नहीं उठाने की वजह से, उस महिला ने दो साल मायके में रहने के उपरान्त 2015 में तलाक की याचिका दर्ज कर दी। इसी पर कोर्ट ने अपना फैसला सन्नाते हुए इस महिला की अर्जी मंजूर कर दी।