Sun. Apr 28th, 2024

ओ हो
हो हो हो
हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२

चार चराग़ तेरे बरण हमेशा -३
पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण
हो पंजवा मैं
पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण

सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२

हिंद सिंद पीरा तेरी नौबत बाजे -३
नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण
हो नाल बजे
नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण

सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२

ओ हो
हर दम पीरा तेरी ख़ैर होवे -३
नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण
हो नाम-ए-अली
नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण

सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२

हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला नम्बर

अंग्रेजी में lyrics

o ho
ho ho ho
ho laal merii pat rakhiyo balaa jhuule laalaN
o laal merii pat rakhiyo balaa jhuule laalaN
si.nda.Dii daa sevaN daa
sakhii shaah baaz kalandar
damaadam mast kalandar
alii dam dam de andar
damaadam mast kalandar
alii daa pailaa na.mbar
ho laal merii -2

chaar charaaG tere baraN hameshaa -3
pa.njawaa mai.n baaraN aa_ii balaa jhuule laalaN
ho pa.njawaa mai.n
pa.njawaa mai.n baaraN aa_ii balaa jhuule laalaN

si.nda.Dii daa sevaN daa
sakhii shaah baaz kalandar
damaadam mast kalandar
alii dam dam de andar
damaadam mast kalandar
alii daa pailaa na.mbar
ho laal merii -2

hi.nd si.nd piiraa terii naubat baaje -3
naal baje gha.Diyaal balaa jhuule laalaN
ho naal baje
naal baje gha.Diyaal balaa jhuule laalaN

si.nda.Dii daa sevaN daa
sakhii shaah baaz kalandar
damaadam mast kalandar
alii dam dam de andar
damaadam mast kalandar
alii daa pailaa na.mbar
ho laal merii -2

o ho
har dam piiraa terii Kair hove -3
naam-e-alii be.Daa paar lagaa jhuule laalaN
ho naam-e-alii
naam-e-alii be.Daa paar lagaa jhuule laalaN

si.nda.Dii daa sevaN daa
sakhii shaah baaz kalandar
damaadam mast kalandar
alii dam dam de andar
damaadam mast kalandar
alii daa pailaa na.mbar
ho laal merii -2

ho laal merii pat rakhiyo balaa jhuule laalaN
si.nda.Dii daa sevaN daa
sakhii shaah baaz kalandar
damaadam mast kalandar
alii dam dam de andar
damaadam mast kalandar
alii daa pailaa nambar

अन्य जानकारी

दामा डैम मस्त कलंदर एक आध्यात्मिक सूफी गीत है, जो सिंध के सबसे प्रतिष्ठित सूफी संत, लाल शाहबाज़ क़लंदर (1177-1274) सेहवान शरीफ़ के सम्मान में लिखा गया है। मूल कविता शुरू में 13 वीं शताब्दी के सूफी कवि अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई थी, फिर 18 वीं शताब्दी में बुल्ले शाह ने इसे संशोधित किया।

ऐसा कहा जाता है कि इस कव्वाली को अमीर खुसरो ने मूल प्रार्थना से रूपांतरित किया था, और फिर बुल्ले शाह द्वारा पूरी तरह से संशोधित किया गया था। बुल्ले शाह ने कव्वाली को पूरी तरह से अलग रंग दिया, जिसमें शाहबाज कलंदर की प्रशंसा में श्लोक जोड़ा गया और इसे सिंधी संस्कृति का एक बड़ा रंग दिया गया। कविता में सहवान शहर का संदर्भ शामिल है, जो लाल शाहबाज़ क़लंदर के तीर्थ का घर है। “लाल” शब्द झूलेलाल को युवा या उनकी लाल पोशाक के रूप में संदर्भित कर सकता है।

600 साल पुराने मूल के साथ, “दम दम मस्त कलंदर” उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ ईरान में एक लोकप्रिय पारंपरिक सूफी इस्लामी लोक गीत है। गीत की विभिन्न रचनाओं की रचना और प्रदर्शन कई संगीतकारों और गायकों द्वारा किया गया है।

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By विकास सिंह

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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