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    himalayas in hindi हिमालय पर्वत के बारे में जानकारी

    विषय-सूचि


    हिमालय दक्षिणी एशिया का पर्वत श्रृंखला है जो भारतीय उपमहाद्वीप को तिब्बती पठार से अलग करता है। इस श्रंखला में दुनिया कि सबसे ऊँची चोटियां मौजूद हैं।

    एवरेस्ट, काराकोरम द्वितीय, कंचनजंगा – ये तीन सबसे बड़े चोटी हैं।

    पूरी दुनिया में 14 चोटियां ऐसे हैं जो 8000 मीटर से ज्यादा लम्बे हैं, इनमे से दस हिमालय पहाड़ पर मौजूद हैं। हिमालय के दक्षिणी भाग में गंगा का मैदान है।

    हिमालय यूरेशियन प्लेट के अंतर्गत मौजूद भारतीय टेक्टोनिक प्लेट पर विराजमान है।

    यह उत्तरी -पश्चिम दिशा से शुरू होते हुए दक्षिणी पूर्व दिशा तक लगभग 2400 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके पश्चिमी भाग में नंगा पर्बत विराजमान है जो सिंधु नदी के उत्तरी छोर पर है।

    पूर्वी भाग में नामचा बरवा पर्बत है जो ब्रह्मपुत्र नदी के छोर पर है।

    हिमालय पर लगभग 53 मिलियन लोग निवास करते हैं। यह पांच देशों तक फैला हुआ है – भारत, नेपाल, भूटान, चीन एवं पाकिस्तान।

    दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण नदी जैसे कि गंगा, इन्दुस, ब्रह्मपुत्र हिमालय से बहते हैं और इनके जलनिकासी घाटी (drainage basin) में लगभग 600 मिलियन लोगों का वास है।

    हिमालय पहाड़ का इस जगह के जलवायु पर बहुत प्रभाव है। इससे भारत में मानसून का बारिश एक सीमा में रहता है और शीत मौसम के दौरान ठण्ड बहुत ज्यादा नहीं होती।

    हिमालय से निकलने वाली नदियां (Rivers from Himalaya in Hindi)

    हिमालय की नदियाँ

    हिमालय से होते हुए दो बड़े नदी-व्यवस्था निकलते हैं। ये इस प्रकार हैं:

    • पश्चिमी नदियां मिलकर सिंधु नदी बेसिन का निर्माण करती हैं। हिमालय का उत्तर -पश्चिमी सीमा सिंधु नदी के तट पर ही विराजमान है। यह नदी तिब्बत में शुरू होता, फिर Sengge एवं गार नदियों के संगम से एक रूप में बहना शुरू करता है। भारत में प्रवेश करने के बाद जम्मू कश्मीर राज्य से होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है एवं दक्षिण की तरफ मुड़ कर अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
    • दूसरी नदी व्यवस्था है – गंगा- ब्रह्मपुत्र बेसिन। इसकी प्रमुख नदियां हैं – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियां। ब्रह्मपुत्र पश्चिमी तिब्बत से शुरू होता है, असम राज्य से भारत में प्रवेश करता है एवं बांग्लादेश में प्रवेश करने के बाद गंगा नदी के साथ बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाता है।

    हिमालय के ग्लेशियर (Glaciers of Himalayas in Hindi)

    अंटार्टिका एवं आर्कटिक क्षेत्र के बाद हिमालय पर्बत पर सबसे ज्यादा बर्फ का जमाव है। हिमालय श्रंखला में 15,000 ग्लेशियर हैं जिनमे लगभग 12,000 क्यूबिक किलोमीटर ताजे जल (fresh water) का जमाव है।

    इसके कुछ प्रमुख ग्लेशियर हैं- गंगोत्री एवं यमुनोत्री (उत्तराखंड), खुम्बू (एवेरेस्ट), लांगतांग ग्लेशियर, जेमू ग्लेशियर (सिक्किम)।

    इस पहाड़ का अक्षांश कर्क रेखा के पास होने के कारण यहाँ का हिमतल 5500 मीटर है जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।

    हिमालय के सबसे ऊँचे भाग सालभर बर्फ की चादर से ढके रहते हैं। इनके द्वारा कई नदियों का निर्माण होता है जोकि सालभर नहीं सूखती।

    अभी कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि मौसम में हो रहे बदलाव के कारण हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं।

    भूटान के ग्लेशियर में ऐसा देखा गया है कि वे तालाब में परवर्तित हो रहे हैं। इन ग्लेशियर से गर्मी के मौसम में नदियों को पानी मिलता है, अगर वे पिघलते रहे तो नदी सूखने लगेंगे जिनके द्वारा कई मिलियन लोगों की जीविका चलती है।

    तालाब (Lakes of Himalayas in Hindi)

    हिमालय की घाटी में कई सौ तालाब मौजूद हैं। ज्यादातर तालाब प्रमुख श्रंखला के उत्तरी भाग में पाए जाते हैं।

    यहाँ का सबसे प्रसिद्ध तालाब है – मानसरोवर तालाब जो हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं एक और तालाब है – रक्षकताल।

    तिब्बत के कुछ तालाब हैं – Puma Yumco,  Yamdrok Tso आदि। नेपाल में मौजूद कुछ तालाब हैं- तिलचो तालाब, रारा तालाब, She-Poksundo, Gurudongmer आदि। इनमे से कुछ खतरनाक हैं, जिनसे बाढ़ का खतरा बना रहता है।

    मौसम (Climate of Himalayas in Hindi)

    विशाल आकार, आकार श्रंखला एवं जटिल स्थलाकृति होने के कारण हिमालय क्षेत्र में अलग अलग प्रकार के मौसम होते हैं।

    ज्यादातर जगहों पर काफी ठण्ड पड़ती है। तिब्बत क्षेत्र सूखा रहता है। यहाँ के मौसम का एक प्रमुख समय है – मानसून। यह जून से शुरू होता है एवं सितम्बर के महीने तक विराजमान रहता है।

    एक तरफ ये फसलों के लिए जरुरी है लेकिन कई हिस्सों में इसके कारण बाढ़ आ जाता है जिससे जानमाल, परिचालन आदि का बहुत नुकसान होता है। कश्मीर घाटी एवं सिंधु घाटी में बसंत के मौसम में यानी मार्च अप्रैल महीने में बारिश होती है।

    हिमालय भारतीय उपमहाद्वीप के मौसम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पहाड़ के दूसरे तरफ से आने वाले ठन्डे हवा को हिमालय रोक के रखता है जिससे भारत के दूसरे क्षेत्र गर्म रहते हैं। यह मानसून के बादलों के लिए एक बैरियर का काम करते हैं जिससे तराई क्षेत्र में भरी बारिश न हो।

    हिमालय के जीव –जंतु (Animals at Himalayas in Hindi)

    विशाल ऊंचाइयों पर snow leopard पाए जाते हैं। फिर थोड़े निचले स्तर पर बकरी, भराल एवं भेड़ जैसे जानवर पाए जाते है।

    एक अन्य जानवर है हिमालयन मस्क हिरन जिनका काफी शिकार होता है। अन्य जानवर हैं – भूरे भालू, काले भालू, गोल्डन लंगूर,हिमालयन Serow, हिमालयन Tahr, लाल पांडा, ग्रे लंगूर आदि।

    संस्कृति (Culture of Himalaya)

    हिमालय की जनसंख्या ऐसी है कि कई धर्म के लोग एक साथ मिल कर रहते हैं। यहाँ तीन संस्कृति प्रमुख रूप से देखने को मिलती है – हिन्दू, मुस्लिम एवं बौद्ध।

    इन सभी ने यहां अपने लिए एक अद्वितीय पहचान बना कर रखा हुआ है। कई धर्मों में हिमालय पर्बत का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

    हिमालय की एक चोटी अष्टपद पूज्यनीय है क्योंकि वहां प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने मोक्ष धारण किया था। भूटान का Paro Tatsang भी बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। हिन्दू धर्म में यह मान्य है कि कैलाश चोटी पर शिवजी का निवास है।  हिन्दू धर्म में इस पर्वत को देव हिमावत कहा गया है जो देवी पार्वती के पिता थे।

    ऐसे ही मुक्तिनाथ नामक एक जगह बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। हिमालय के लोग अपनी विविधता अलग अलग रूप में दर्शाते हैं जैसे कि वास्तुकला, भाषाएँ एवं बोलियां, उनके सभ्यता, वेशभूषा आदि। घाटी के लोग अपनी हस्तकला कौशल के लिए जाने जाते हैं।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

    3 thoughts on “हिमालय पर्वत के बारे में जानकारी, रहस्य, तथ्य”
    1. कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे बड़ा रहस्यमयी पर्वत क्यों है?

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