Wed. Oct 9th, 2024
    hongkong

    हांगकांग (hong kong) में प्रदर्शनकारियों ने 15 घंटो तक शहर के पुलिस मुख्यालय को कब्जे में रखा है और शनिवार को सुबह हज़ारो प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन को एक बार फिर शुरू कर दिया है। हांगकांग की सरकार में विवादस्पद प्रत्यर्पण बिल को पूरी तरह वापस लेने का ऐलान लिया था और संघर्ष के दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया था।

    वान चाय में स्थित आर्सेनल स्ट्रीट पुलिस बेस घंटो का प्रदर्शन स्थानीय समय सुबह 2:40 बजे शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारियों अधिकतर युवाओं ने मुख्यालय के प्रवेश मार्ग को बंद कर दिया था और अंडो को फेंका था। शुक्रवार को बगैर आधिकारिक अनुमति के पुलिस मुख्यालय के बाहर एकजुट हुए प्रदर्शनकारियों ने अपना क्रोध पुलिस कर्मियों पर उड़ेला था।

    पुलिसकर्मियों पर संघर्ष के दौरान प्रदर्शनकारियों पर अतिरिक्त बल का इस्तेमाल करने के आरोप हैं। हांगकांग छात्र संघठन के अध्यक्ष कर्रिए लाम चेंग यूएट नगर द्वारा दी गयी समयसीमा में ही बिल को रद्द करने की मांग की थी और ऐसा न होने पर उनके प्रशासन ने शुक्रवार को प्रत्यर्पण बिल पर दोबारा विरोध शुरू कर दिया था।

    इस विधेयक को 3 अप्रैल को प्रस्तावित किया गया था। इस बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हांगकांग की सरजमीं से किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक कारणों या कारोबार के अपमान के लिए चीनी विभाग के सुपुर्द किया जा सकता है।

    इस नए प्रत्यर्पण बिल का मकसद कानूनी संरक्षण और अधिकारों को खत्म करना था जो उन्हें ब्रितानी उपनिवेश हुकूमत द्वारा चीनी हुकूमत को साल 1997 में सौंपते वक्त दिए गए थे। इस बिल का अधिकतर विरोध हांगकांग के कारोबारी समूह ने किया था जो आम तौर पर राजनीति पर तटस्थ रहते हैं और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठायी है।

    व्यापक प्रदर्शन के बाद शानिवार को हांगकांग की सरकार ने इस विवादित विधेयक को हटाने का ऐलान किया दिया था और इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बिल को पूरी तरह वापस लेने या रद्द करने के लिए प्रदर्शन किया था ताकि भविष्य में कोई दोबारा ऐसा बिल न ला सके।

    हांगकांग एक स्वायत्त क्षेत्र हैं और यहां की पुलिस और मुख्यभूमि के समकक्षीयों के बीच काफी करीबी सम्बन्ध है। हांगकांग की जनता उनके देश पर चीन की जकड़न को मज़बूत करने से बेहद घबराये हुए हैं। चीन धीमी गति से हांगकांग में अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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