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    स्टोरेज डिवाइस storage devices in hindi

    विषय-सूचि

    स्टोरेज डिवाइस क्या हैं? (storage devices definition in hindi)

    परिभाषा – यह एक तरह का हार्डवेयर होता है जो की डाटा को स्टोर, पोर्ट और लेने के काम मे आता है। यह जानकारी को अस्थायी रूप से और स्थायी रूप से रखने का काम करता है।

    यह किसी भी तरह का हार्डवेयर हो सकता है चाहे यह कम्प्युटर के अंदर लगता हो या फिर बाहर।

    स्टोरेज उपकरण के प्रकार (types of storage devices in hindi)

    यह भी एक तरह से कम्प्युटर के अंग होते हैं। यह वर्चुअली सारे डाटा को संग्रहीत रखता है। एक कम्प्युटर में बहुत तरह के स्टोरेज उपकरण होते हैं जैसे की रैम, कैचे, हार्ड डिस्क आदि।

    दो तरह के स्टोरेज उपकरण होते हैं:

    • प्राथमिक स्टोरेज उपकरण (primary storage devices)– यह ज़्यादातर छोटे रूप में होते हैं। इनकी काम करने की क्षमता काफी तेज़ होती है। इनमे डाटा को चलाने की गति भी तेज़ होती है जैसे की रैम और कैचे मेमोरी।
    • माध्यमिक स्टोरेज उपकरण (secondary storage device)– इनकी डाटा रखने की क्षमता ज्यादा होती है क्योंकि इनमे ज्यादा स्टोरेज होती है और यह स्थायी रूप से डाटा को रखते हैं। यह आंतरिक और बाहरी तौर पर डाटा को रखते हैं। उदाहरण हैं – हार्ड डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव और यूएसबी स्टोरेज उपकरण।

    स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण (list of storage devices in hindi)

    1. हार्ड डिस्क (hard disk in hindi)

    हार्ड डिस्क (hard disk in hindi)
    हार्ड डिस्क

    हार्ड डिस्क (hard disk) एक ऐसा डाटा स्टोरेज हार्डवेयर डिवाइस है जो की कम्प्युटर मे डाटा को स्टोर करने के काम मैं आता है। सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system), और फ़ाइलें आदि को रखने के लिए हमे हार्ड-डिस्क की जरूरत पड़ती है।

    यह एक तरह का अपरिवर्तनशील स्टोरेज डिस्क ड्राइव है। जैसा की हमे पता है कम्प्युटर में हार्ड-डिस्क ड्राइव का संभाग यानि डिविजन होता है और लोकल डिस्क सी मे कम्प्युटर की पूरी ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर, ड्राईवरस आदि की स्टोरेज होती हैl लोकल डिस्क सी को हम कम्प्युटर का प्राथमिक विभाजन यानि पारटिशन भी बोलते हें।

    हालांकि काफी कम्प्युटरों मैं और भी पारटिशन होते हैं जैसे की लोकल डिस्क सी, लोकल डिस्क डी, आदि इस तरह से हम जीतने चाहे उतने डिविजन कर सकते हैं हर ड्राइव के पर शर्त है की उसकी क्षमता भी ज्यादा होनी चाहिए यानि वो ज्यादा जीबी की होनी चाहिए जिससे की हम उसके ज्यादा पारटिशन अपने हिसाब से कर सकें।

    कुछ काफी नामी कंपनीयाँ हें जो की हार्ड-डिस्क ड्राइव बनाने का काम करती हैं। उनमे से कुछ है सीगेट, डबल्यूडी (वेस्टर्न डिजिटल), हिटाची, लेनावो, तोशिबा आदि। हम हार्ड-डिस्क को कहीं से भी खरीद सकते हैं लोकल बाज़ार, ऑनलाइन शॉपिंग साइटस, आदि।

    2. एसएसडी (solid state drive in hindi)

    यह अपरिवर्तनशील स्टोरेज उपकरण होते हैं जो की ज्यादा मात्रा में डाटा रखने के काम में आते हैं।

    यह नैन्ड फ्लैश मेमोरी का इस्तेमाल करते हैं जिससे की हम जल्दी से और आसनी से इस डाटा को चला सकें। यह आम हार्ड डिस्क से तेज़ी से काम करते हैं। इनकी क्षमता गीगाबाइट तक की होती है।

    3. रैम (ram in hindi)

    रैम एक तरह की प्राथमिक मेमोरी है। रैम की मदद से कम्प्युटर एक ही समय पर बहुत सारे काम कर सकता है। हम रैम के डाटा को कितनी भी बार देख, लिख और हटा सकते हैं।

    रैम एक परिवर्तनशील मेमोरी है। यही वजह है की हम रैम को स्थायी स्टोरेज के रूप मे उपयोग नहीं कर सकते। यह उस डाटा को स्टोर करने के लिए उपयोग लीआ जाता है जिसे अभी सीपीयू द्वारा चलाया जाना है। इसमे हम जिस भी तरह की फ़ाइल डालते है उसको हम दुबारा हटा भी सकते है और उसकी जगह दूसरी दूसरी फ़ाइल दल बी सकते है।

    पर रैम काफी महंगी मेमोरी है इसको खरीदने मे हमारी काफी जेब ढीली हो सकती है। रैम की कीमत उसकी मेमोरी पर निर्भर करती है जितनी ज्यादा एमबी या जीबी की रैम लेंगे उतनी ही महंगी रैम हमे मिलेगी। आजकल तो कम्प्युटर छोड़े फोनो में ही 4-8 जीबी की रैम आ रही है आजकल की तकनीकी काफी आगे जा चुकी है। रैम की प्रोसेसिंग काफी तेज़ है।

    4. रोम (rom in hindi)

    जैसा की हमे नाम से पता चल रहा है की इस मेमोरी को हम केवल पढ़ सकते है। इसकी प्रकृति अपरिवर्तनशील है जो की प्रोग्राम को स्थायी रूप से रखता है। इसका डाटा अपने आप नहीं बदलता बदलने से ही इसका डाटा बदलता है। रोम केवल सीपीयू द्वारा पढ़ा जा सकता है सीपीयू इसमे कोई बदलाव नहीं कर सकता।

    सीपीयू इसे डाइरैक्ट पढ़ नहीं सकता इसके लिए हमे पहले डाटा को रैम मे भेजना पड़ेगा उसके बाद ही रोम की मदद से सीपीयू डाटा को पढ़ पाएगा। रोम की डाटा स्टोर करने की क्षमता रैम से कम होती है। रोम केवल कम्प्युटर के वह निर्देशों को रखता है जो की हमे बूटस्ट्रपिंग मे हमे कम आते है।

    हालांकि इसमे भी बदलाव करने की कोशिश की गयी थी जिससे ये डाटा को हटाने या फिर नए सिरे से लिख सके ताकि यह रैम की तरह उपयोग किया जा सके पर इसकी इतनी क्षमता नहीं थी की यह रैम का मुक़ाबला कर सके।

    5. फ्लैश मेमोरी (flash memory in hindi)

    यह एक तरह से अपरिवर्तनशील मेमोरी का भंडार है जिसमे हम समान्यतः डाटा को स्टोर करने के काम में लेते हैं। यह इस तरह से डाटा को रखने के लिए काफी इस्तेमाल होता है।

    फ्लैश मेमोरी को हम काफी तरह से समझ सकते हैं जैसे की फ्लैश मेमोरी कार्ड, कैमरा मेमोरी कार्ड, कम्प्युटर की हार्डड्राइव आदि यह सभी फ्लैश मेमोरी के उपकरण हैं और यह इन उपकरणो में काफी तेजी से काम करते हैं।

    6. सीडी ड्राइव (cd drive in hindi)

    सीडी को हम कॉम्पैक्ट डिस्क भी बोलते हैं। सीडी आयतकार डिस्क होती है जो की ऑप्टिकल किरणों, लेजर आदि की मदद से डाटा कों डालने के लिए इस्तेमाल करती हैं।

    यह बहुत सस्ती होती है और इसमे आपको 700 एमबी की मेमोरी स्टोरेज मिलती है। सीडी को हम सीपीयू में लगे हुए सीडी ड्राइव में डालते हैं। यह पोरटेबल होती है इसकी मदद से हम सीडी को निकाल कर रख सकते हैं।

    7. डीवीडी ड्राइव (dvd drive in hindi)

    डीवीडी कों हम डिजिटल विडियो डिस्प्ले भी बोलते हैं। डीवीडी सीडी से काफी  गुना डाटा कों स्टोर कर सकता है। यह ज़्यादातर ज्यादा बड़ा डाटा कों स्टोर करने के काम में आता है। डीवीडी भी तीन तरह की आती है रीड ओन्ली मेमोरी, रेकोरडेबल, रीराइटेबल।

    8. ब्लू रेय डिस्क (blue ray disk in hindi)

    यह एक ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया है जो की अच्छी गुणवत्ता वाली विडियो और फ़ाइल आदि रखने के काम में आता है। यह छोटे दर्जे की ऑप्टिकल किरणें इस्तेमाल करता है। यह 128 जीबी तक के डाटा कों रख सकता है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    6 thoughts on “स्टोरेज डिवाइस क्या हैं? परिभाषा, उदाहरण”

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