बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम इन दिनों हिंदी संगीत की दुनिया में चल रहे माहौल से काफी खफा हैं। दो दशक से बॉलीवुड में गा रहे, सोनू ने कई बार भारत में गायकों की स्थिति और संगीत की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाये हैं और उन्होंने फिर उसी दिशा में एक और बयां दिया है।
‘आज तक सम्मिट’ में, उन्होंने भारत में मौजूद पाकिस्तानी गायकों की लोकप्रियता पर मजाक किया। उन्होंने कहा-“कभी कभी मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं पाकिस्तान से होता तो ज्यादा अच्छा होता। कम से कम मुझे भारत से गाना गाने के प्रस्ताव तो मिलते।”
फिर आगे उन्होंने भारतीय गायक और पाकिस्तानी गायक की तुलना करते हुए कहा-” आज के दौर में, गायकों को संगीत कंपनियों को पैसे देने पड़ते हैं ताकी उन्हें शो मिल सकें। अगर हम उन्हें पैसे नहीं देंगे तो वे दुसरे गायकों के गीत चला देंगे और उन्हें ही मुख्य आकर्षण में पेश करेंगे। फिर उसके बाद, वे उनसे पैसे लेंगे।”
फिर उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी गायकों के साथ ये नाइंसाफ़ी नहीं होती है। उनके मुताबिक, “भारतीय गायकों को अलग क्यों करना? वो पाकिस्तानी गायकों के साथ तो ऐसा नहीं करते। आतिफ असलम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। उन्हें कभी भी शो में गाना गाने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते, नाही राहत फ़तेह अली खान को।”
सोनू ने इस सब का जिम्मेदार रीमिक्स के बढ़ती संख्या को ठहराया है। उन्होंने कहा-“पहले संगीतकार, गीतकार और गायक ही गाना बनाते थे। मगर अब संगीत कंपनियों ने ये ज़िम्मेदारी संभाल ली है।”
सोनू निगम को, ‘कल हो ना हो’, ‘सुन लो ना’, ‘मैं जहाँ तू वहाँ’, ‘अभी मुझ में कही’ जैसे गानों के लिए जाना जाता है।
स्त्रोत: आज तक सम्मलेन