भारत की बाज़ार नियामक एजेंसी सेबी ने मलविंदर सिंह व शिविन्दर सिंह को ये आदेश दिया है कि उन्हें फोर्टिस हेल्थकेयर को 403 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने होंगे। ये पैसे इन भाइयों ने इस कंपनी से धोखे के तहत हड़पे थे।
सेबी ने अपनी वेबसाइट में स्पष्ट रूप से अपने आदेश को चस्पा करते हुए ये दर्शाया है कि इन भाइयों ने फोर्टिस हेल्थकेयर के साथ धोखा किया था, जिसके तहत इन दोनों ने मिलकर 403 करोड़ रुपयों की हेरा-फेरी की थी। इसी के बाद सेबी ने इन दोनों ही भाइयों को इस घपले का दोषी मानते हुए इन्हे 403 करोड़ रुपये तथा इस पर बनने वाला उपयुक्त ब्याज मिलाकर फोर्टिस को लौटाने का आदेश दिया है।
इसी के साथ सेबी ने अन्तरिम आदेश जारी करते हुए इन ‘सिंह बंधुओं’ को कंपनी के कामकाज में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से भी रोक लगा दी है।
इसके पहले सिंह बंधुओं पर निवेशकों ने आरोप लगाया था कि वे दोनों फोर्टिस हेल्थकेयर व रेलीगेयर इंटरप्राइजेज़ के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं। इनपर आरोप था कि वे इन कंपनियों के पैसों का उपयोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, इसी के बाद से ही सिंह बंधुओं ने इन दोनों ही कंपनियों पर अपनी पकड़ खो दी थी।
इसी क्रम में जांच करने पर सेबी ने पाया था कि प्राथमिक तौर पर इन कंपनियों को घाटा इस लिए हो रहा था क्योंकि इन कंपनियों की जरूरत का पैसा कहीं और खर्च किया जा रहा था।
सेबी की जांच में सामने आया है कि जो पैसा इन दोनों ने इन कंपनियों से अपने फायदे के लिए लिया था, उसे कभी भी इन कंपनियों की बैलेन्सशीट पर नहीं दर्शाया गया।