Thu. Apr 18th, 2024
    मार्क जुकरबर्ग फेसबुक

    हाल के कुछ महीनों में फेसबुक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

    एक ओर उसकी वेबसाइट से हैकरों द्वारा यूजरों का डाटा चुरा लेने जैसी घटनाएँ सामने आयीं वहीं दूसरी ओर फेसबुक के स्वामित्व वाली व्हाट्सएपइंस्टाग्राम जैसी कंपनियों के संस्थापकों ने मार्क ज़ुकरबर्ग से अनबन के चलते फेसबुक को अलविदा कह दिया।

    लेकिन अब यही बादल फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग पर भी मंडरा रहे हैं। फेसबुक के मुख्य शेयरधारकों के बीच अब मार्क ज़ुकरबर्ग को फेसबुक चेयरमैन पद से हटाने की बातें उठने लगी है।

    इसका पीछे कारण माना जा रहा है कि फेसबुक सार्वजनिक तौर पर अपने यूजरों का डाटा सुरक्षित नहीं रख पाया है जिससे फेसबुक की साख पर विश्व स्तर पर बट्टा लगा है। इसी के बाद से ही फेसबुक के शेयरधारकों ने मार्क को आड़े हाथों ले लिया था।

    फेसबुक के बड़े शेयरधारकों में न्यूयॉर्क सिटी पेंशन फंड (45 लाख शेयर), ट्रिलियम (53,000 शेयर), पेंसिलवेनिया ट्रेजरी (38,737 शेयर),  इलिनोएस ट्रेजरी (1,90,712 शेयर) व रोडे आइलैंड ट्रेजरी हैं। ये सभी आंकड़े अगस्त माह तक के हैं।

    फेसबुक के इन शेयरधारकों ने इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके तहत वे एक स्वतंत्र चेयरमैन की नियुक्ति का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखेंगे। जिसके लिए लगभग सभी शेयरधारक तैयार हैं। यह प्रस्ताव अगले साल वर्ष 2019 के मई में होने वाली फेसबुक की आम बैठक के दौरान बोर्ड के सामने रखा जाएगा।

    इसके पहले भी स्वतंत्र चेयरमैन की नियुक्ति का ऐसा ही एक प्रस्ताव वर्ष 2017 में रखा गया था, जिसे कम वोटों के चलते गिरा दिया गया था।

    अभी फेसबुक ने इसे लेकर मीडिया में किसी भी तरह का कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन फेसबुक के शेयरधारकों का कहना है कि फेसबुक इस दौर में समाज और अर्थव्यवस्था पर काफी असर रखता है इसी के चलते उसके भी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है कि वो समाज में अपनी आज़ादी और जवाबदेही निश्चित करे।

    फेसबुक के शेयरधारकों का मानना है कि बोर्ड की ही लापरवाही व बोर्ड द्वारा कंपनी के काम पर पैनी नज़र ना होने के चलते ही फेसबुक ने अपनी कई सुविधाओं को लेकर लाचर रवैय्या अपनाया हुआ है।

    इसी क्रम में अमेरिकी आम चुनाव के दौरान उठा कैम्ब्रिज अनलिटिका जैसा मामला मुख्य था, उसके बाद फेसबुक डाटा ब्रीच व फेसबुक यूजरों से संबन्धित डाटा को हैकरों द्वारा ऑनलाइन बेचा जाना जैसे गंभीर मुद्दे सामने आए थे। इन्हीं सब कारणों से मार्क पर गाज़ गिर सकती है।

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