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    सीरिया में अमेरिकी सैनिक

    अमेरिका ने सीरिया में 1000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की रिपोर्ट कोरे से खारिज कर दिया है। वॉल स्ट्रीट जनरल ने रविवार को रिपोर्ट जारी कर कहा कि “तुर्की से बातचीत के बाद अमेरिकी समर्थित कुर्दिश सेनाओं और यूरोपीय सहयोगी एक समझौते को करने में असमर्थ रहे हैं। सीरिया में अमेरिका का इरादा अब कुर्दिश लड़ाकों के साथ कार्य करना है।”

    रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि वह पूरे सीरिया में 1000 से सैनिकों को फैला देंगे। चेयरमैन ऑफ़ जॉइंट चीफ ऑफ़ स्टाफ जनरल जोसफ डनफोर्ड ने कहा कि “एक प्रमुख अखबार के दावे वाली रिपोर्ट असल में गलत है कि हम सीरिया में एक हज़ार सैनिकों की तैनाती करेंगे।”

    उन्होंने कहा कि फरवरी में जारी योजना में कोई बदलाव नहीं है और हम राष्ट्रपति के दिशा निर्देशों पर कार्य करना जारी रखेंगे। अमेरिका निरंतर तुर्की जनरल स्टाफ के साथ मिलिट्री योजना के लिए बातचीत करता रहता है। ताकि तुर्की-सीरिया सीमा की सुरक्षा चिंताओं का मालूम किया जा सके।”

    उन्होंने कहा कि “हम गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ भी योजना बना रहे हैं जिन्होंने सीरिया में परिवर्तन काल के दौरान हुए अभियानों में समर्थन किया था।”

    हाल ही में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि “200 सैनिकों की एक शान्ति सेना सीरिया में कुछ समय के लिए तैनात रहेगी।” डोनाल्ड ट्रम्प की सीरिया से 2000 सैनिको को वापस बुलाने के निर्णय पर वैश्विक जगत ने खेद जताया है। आलोचकों के मुताबिक तुर्की की सेना अमेरिकी समर्थित कुर्दिश लड़ाकों पर हमला कर सकती है और आईएस दोबारा अपने पाँव पसार सकता है।

    एक वक्त पर आईएस ने अपनी बर्बर विचारधारा को क्षेत्र पर थोप दिया था और हज़ारों समर्थकों को आकर्षित किया था। लेकिन अब जिहादियों ने अपने अधिकतर नियंत्रित इलाकों को खो दिया है। सीरिया के कुर्द लम्बे समय से विदेशियों की देश वापसी की मांग कर रहे हैं, जो आईएस की हिरासत में थे। लेकिन उनके देश इस पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं कर रहे हैं।

    हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूह आईएस के 3000 से अधिक आतंकियों ने अमेरिकी समर्थित कुर्दिश सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। हाल ही में अमेरिकी समर्थित सेना सीरियन डेमोक्रेटिव फाॅर्स ने आईएसआईएस को उनके नियंत्रित की आखिरी जमीन से भी खदेड़ने के लिए हमला किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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