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    सरफराज अहमद

    पाकिस्तान (pakistan) के कप्तान सरफराज अहमद (Sarfaraz Ahmed) ने आखिरकार चुप्पी तोड़ते हुए यह खुलासा किया कि क्यों उन्होने भारत के खिलाफ मैनचेस्टर में पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। पिच बल्लेबाजो के लिए बल्लेबाजी करने के लिए शानदार थी फिर सरफराज ने पहले गेंदबाजी का फैसला करते हुए सबको चौंका दिया था। जिसके बाद टीम को हार का सामना करना पड़ा और कप्तान को अपने निर्णय के लिए हर जगह से आलोचना सुनने को मिली। उनके लिए जो कुछ भी बुरा था, वह यह था कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया।

    मैच से पहले, 1992 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान ने पाकिस्तान को सलाह दी थी कि उन्हे टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करना चाहिए। लेकिन भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता देते हुए, भारत ने इसका भरपूर फायदा उठाया और चिर प्रतिद्विंद्वियो को मैच में एक भी मौके पर अपने ऊपर हावी नही होने दिया। रोहित शर्मा की शानदार शतकीय पारी और अन्य खिलाड़ियो की उपोयगी पारी से भारत ने बोर्ड पर 336 रन टांग दिये थे।

    जवाब में, पाकिस्तान की टीम बल्लेबाजी में भी नाकाम रही। जब तक बाबर आजम और फखर जमान जिन्होने दूसरे विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की थी खेल रहे थे, तब तक पाकिस्तान की टीम मैच में बनी हुई थी। लेकिन इन दोनो के आउट होने के बाद पाकिस्तान की टीम को कोई खिलाड़ी कुछ खास नही कर पाया और 89 रन से हार का सामना करना पड़ा।

    टॉस विवाद को लेकर बोले सरफराज अहमद

    प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरफराज अहमद ने स्पष्ट किया कि उन्हें पहले गेंदबाजी करने के अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व कप से पहले उन्होंने पीएम इमरान खान के साथ बातचीत की थी और बाद में उनसे शर्तों के अनुसार निर्णय लेने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि पिच और आउटफील्ड गीली थी यही कारण है कि उन्होंने नई गेंद पर जल्दी से कुछ मदद पाने की उम्मीद के साथ गेंदबाजी करने का फैसला किया।

    हार के बाद खिलाड़ियों और उनके परिवारों की ओर निर्देशित की गई आलोचनाओं पर भी सरफराज ने बोला। उन्होंने प्रशंसकों से खिलाड़ियों से दुर्व्यवहार न करने और उनके परिवारों को विवादों में घसीटने का आग्रह किया।

    पाकिस्तान के कप्तान ने कहा, ” हमें हमारे खेल पर आलोचना करें, यह कोई समस्या नही है, लेकिन हमें गालिया ना दे। हमारे परिवार इससे प्रभावित होते है। यदि कोई ठीक परिस्थिती में नही है, तो उसे और दर्द पहुंचाना ठीक नही है। हमारे प्रशंसक भावुक है और जब हम जीतते ते हैं तो यही लोग हमें उठाते हैं। लेकिन अगर वह एक हार में दुख महसूस करते है तो हम भी उसी तरह महसूस करते है। हम इसे और अधिक महसूस करते है क्योंकि हम पाकिस्तान के लिए खेल रहे है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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