यमन में हूथी विद्रोहियों के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि सऊदी अरब-संयुक्त अरब अमीरात का गठबंधन यमन में शांति कायम करना चाहते हैं तो हम भी सारे ड्रोन और राकेट हमलों को रोक देंगे। विद्रोहियों की समिति के प्रमुख मोहम्मद अली अल हूथी ने ट्विटर पर कहा कि हम यमन में सैन्य अभियानों को रोकने की मंशा रखते हैं।
विद्रोही समूह के प्रमुख ने कहा कि हम अपनी पहल का ऐलान करते हैं और हूथी विद्रोही अधिकारिक विभाग को सऊदी-यूएई आक्रामक गठबंधन पर मिसाइल और राकेट हमले को तत्काल रोकने का आदेश जारी करते हैं। अन्तराष्ट्रीय जगत ने यमन पर दबाव बनाये हुए है कि इस जंग को अब रोक दिया जाए।
हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक इस जंग में अब तक 56 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं और यह युद्ध देश को भुखमरी की ओर ले जा रहा है। हालांकि यमन की जनता के लिए यह राहत का ऐलान है। सूत्रों के मुताबिक यूएन का राजदूत शांति वार्ता को आगे बढाने के लिए इस सप्ताह सना जायेंगे और विद्रोहियों के मुखिया से बातचीत करेंगे। साथ ही वह विद्रोहियों के कब्जे वाले बंदरगाह के बाबत भी बातचीत करेंगे।
विद्रोहियों ने प्रमुख प्रवेश मार्ग यह बंदरगाह अपने कब्जे में ले रखा है यह मानवीय सुविधाओं और उप्तादों को लाने का पहला मुख्या मार्ग है। इस मार्ग से देश में 70 से 80 फीसदी उत्पादों का आयात होता है। यूएन के राजदूत ने कहा कि वह इस वर्ष से पहले विद्रोहियों के साथ बातचीत प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। सऊदी अरब और यूएई ने इस शांति वार्ता में यूएन को सहयोग करने का वादा किया है।
ख़बरों के मुताबिक हूथी विद्रोही इस शांति वार्ता के लिए यूएन के राजदूत के कहने पर राज़ी हुए हैं। यह हूथी के कब्जे में बंद हजारों नागरिकों के लिए राहत की बात है। यमन की सरकार और विद्रोहियों के मध्य साल 2014 में जंग शुरू हुई थी जब सरकार ने ईंधन सब्सिडी को बंद कर दिया था। साल 2015 में सऊदी अरब और यूएई इस जंग में कूदे थे।
हूथी विद्रोहियों के सरगना ने कहा कि वह दुनिया को साबित कर देंगे हम भी शांति चाहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक सऊदी-यूएई गठबंधन ने यमन में अब तक 18 हज़ार हवाई हमले किये हैं। जिसके एक-तिहाई लक्ष्य आम नागरिक बने हैं।