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    शिवसेना-भाजपा गठबंधन

    महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलें तो कई दिनों से लगाई जा रही हैं, जहाँ एक तरफ भाजपा इसके लिए पूरी तरह से तैयार है, वही दूसरी तरफ शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। मगर अब बढ़ते दबाव के कारण, सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जल्द अपने सांसदों से इस बारे में चर्चा करने के लिए मिल सकते हैं।

    सेना कुछ दिनों से, भाजपा को बेरोजगारी, कृषि संकट, राफेल सौदा जैसे मुद्दों के लिए कई बार निशाना बना चुकी है। और अभी हाल ही के दिनों में, उसने कांग्रेस की जमकर तारीफ भी की है। मगर दोनों पार्टी के सदस्य अपनी अपनी पार्टी के प्रमुख के ऊपर, गठबंधन को लेकर दबाव बना रहे हैं और वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द कोई फैसला लिया जाये।

    25 जनवरी को, एक मराठी अख़बार लोकमत में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठाकरे को दिल्ली में डिनर पर आमंत्रित किया है। दोनों इस मुलाकात में, गठबंधन को लेकर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि ठाकरे ये चाहते हैं कि पीएम मुंबई में उनके घर मातोश्री में आ जाये।

    भाजपा ने कहा कि ऐसी कोई भी मुलाकात निर्धारित नहीं की गयी है।

    विधायकों ने कहा कि अगर शिवसेना को राज्य की सभी 48 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना है, तो ‘संभावित प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही करनी होगी’।

    भाजपा सांसद ने एक अख़बार को बताया-“लगभग 90 प्रतिशत शिवसेना के सांसद (लोकसभा) अपनी सीटों को बरकरार रखने के लिए सुनिश्चित नहीं हैं और गठबंधन चाहते हैं। यहां तक कि शिवसेना का नेतृत्व लोकसभा में अपनी रैली (18 सीटें) बरकरार रखने का इच्छुक है, क्योंकि इससे 2019 में सरकार के गठन में सेना को पर्याप्त स्थान मिलेगा।”

    “अगर गठबंधन नहीं हुआ तो हमें भी सहना पड़ेगा मगर हमें 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटों पर लड़ने का मौका मिलेगा। शिवसेना के 50 प्रतिशत सांसदों ने कहा कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वे 2019 में भाजपा की टिकेट से लड़ेंगे।”

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पहले ही बता दिया था कि अगर गठबंधन खत्म हुआ तो दोनों पार्टियों को भुगतान करना होगा।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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