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    भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने कोरोना के वेरिएंट को बार-बार ‘इंडियन वेरिएंट’ कहकर पुकारने वाले कांग्रेस के शशि थरूर को आईटी समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के साथ सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने कहा कि थरूर सूचना तकनीक (आईटी) वाली संसद समिति के अध्यक्ष पद का इस्तेमाल केंद्र सरकार की छवि खराब करने में इस्तेमाल कर रहे हैं। निशिकांत दुबे भी आईटी समिति के सदस्य हैं।

    दुबे ने पत्र में लिखा है कि स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में शशि थरूर मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ रहे हैं। टूलकिट प्रकरण को लेकर वे केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं, इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है।

    “जब सरकार ने इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म को इसे इंडियन वेरिएंट कहने से रोका है तो एक सांसद क्यों इसे इस नाम से पुकार रहा है?” – निशिकांत दुबे 

    दुबे ने आगे यह भी कहा कि कोरोना के भारत में पहली बार पाए गए वेरिएंट बी.1.617 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसी नाम से पुकारे जाने की बात कही है लेकिन शशि थरूर इसे ‘इंडियन वेरिएंट’ के नाम से पुकारते हैं। वे न केवल सरकार को बल्कि देश को भी बदनाम कर रहे हैं। यह देश और देशवासियों को शर्मिंदा करने की हरकत है।  

    दुबे ने कहा कि थरूर बतौर संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में ऐसे मुद्दों को भी उठा रहे हैं जो इस समिति के अधिकार क्षेत्र के बाहर के हैं। वे सरकार के साथ संसद की फजीहत करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शशि थरूर केवल राहुल गांधी का एजेंडा लागू करने के लिए देश को बदनाम कर रहे हैं। 

    पहले भी दुबे और थरूर के बीच कई मुद्दों पर मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। चाइनीज एप पर रोक लगाने, जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवा पर रोक लगाने, फेसबुक विवाद को लेकर दोनों के बीच पहले भी तीखी नोकझोंक हो चुकी है।

    By दीक्षा शर्मा

    गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली से LLB छात्र

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