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    white box testing in hindi

    विषय-सूचि

    व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग क्या है? (white box testing in hindi)

    जब सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग करते वक्त सॉफ्टवेयर के आंतरिक संरचना के बारे में जनता है, इस प्रकार की टेस्टिंग प्रक्रिया व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग (WBT) कहलाती है।

    इस प्रक्रिया को कोड पर आधारित टेस्टिंग एवं स्ट्रक्चरल टेस्टिंग भी कहते हैं। इसके तहत कोड के भाग को समझ कर टेस्टिंग की जाती है।

    सॉफ्टवेयर के टेस्टिंग को शुरू करने के लिए आपको Graphical User Interface के शुरू होने का इंतजार करने की जरुरत नहीं है, आप सीधे WBT शुरू कर सकते हैं। इसमें कोड के सभी भाग टेस्ट हो जाते हैं।

    व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग के कुछ अन्य नाम हैं:

    • ग्लास बॉक्स टेस्टिंग
    • क्लियर बॉक्स टेस्टिंग
    • ओपन बॉक्स टेस्टिंग
    • ट्रांसपेरेंट बॉक्स टेस्टिंग
    • लॉजिक ड्राईवेन टेस्टिंग
    • डिज़ाइन बेस्ड टेस्टिंग

    जब टेस्टर कोड के स्ट्रक्चर या संरचना को पूरी तरह से समझ जाता है, तो वह अपने आप से टेस्ट case को रन कर पता है एवं इससे उसे यह पता चलता है कि सिस्टम अब डॉक्यूमेंट में दिए गए निर्देशों के हिसाब से काम कर रहा है की नहीं।

    प्राप्त किए गए  इन टेस्ट case के हिसाब से टेस्टर सिस्टम को इनपुट देता है एवं प्राप्त किए गए आउटपुट को टेस्ट case के आउटपुट से मिलाता है।

    इस प्रकार के टेस्टिंग में टेस्टर को user interface से परे (beyond) सोचना होता है ताकि उसे सिस्टम की गुणवत्ता का पता करना होता है।

    व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग के प्रकार (types of white box testing in hindi)

    यह कुछ इस प्रकार हैं:

    यूनिट टेस्टिंग (unit testing in hindi)

    डेवेलपर यूनिट टेस्टिंग का उपयोग करता है ताकि यह पता चल सके कि किसी कोड का कोई हिस्सा या यूनिट ठीक से काम कर रहा है कि नहीं।

    यूनिट टेस्टिंग सबसे बुनियादी स्तर पर आता है। यह तब किया जाता है जब कोड को डेवेलप किया जा रहा होता है। इस प्रकार में कोड के एक एक भाग पर ध्यान दिया जाता है।

    एक्सेक्युशन टेस्टिंग (execution testing)

    WBT में कोड कवरेज की जाँच करना एक प्रमुख हिस्सा है जिससे टेस्ट case में अगर कोई कोड छूट गया हो तो उसके बारे में पता चलता है।

    इससे कोड के उन भागों का भी पता चलता है जब वह run नहीं हो रहे होते। इससे सॉफ्टवेयर की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलती है।

    ऑपरेशनल एक्सेप्टेन्स टेस्टिंग (operational acceptance testing in hindi)

    जब सॉफ्टवेयर बन कर तैयार हो जाता है तो उसे यूजर को सौंपने से  पहले उसके ठीक से काम करने की तत्परता की जाँच की जाती है, यह क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम का हिस्सा होता है।

    OAT एक प्रकार का non-functional सॉफ्टवेयर टेस्टिंग है जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर बनाने में एवं उसके रख रखाव में काम आता है।

    म्युटेशन टेस्टिंग (mutation testing in hindi)

    सॉफ्टवेयर में किसी bug या गड़बड़ी को ठीक करने के बाद जब दोबारा उसकी टेस्टिंग होती है तो वह म्युटेशन टेस्टिंग कहलाता है।

    इससे यह भी पता चलता है कि कौन सा कोड एवं रणनीति सिस्टम के काम करने के तरीके को बेहतर बना सकता है।

    इंटीग्रेशन टेस्टिंग (integration testing in hindi)

    जब सॉफ्टवेयर के कई module को मिलकर एक समूह के रूप में टेस्ट किया जाता है, इसको इंटीग्रेशन टेस्टिंग कहा जाता है।

    इस टेस्टिंग से यह निश्चित होता है कि सॉफ्टवेयर के विभिन्न भाग एक साथ मिलकर नियमों के हिसाब से काम कर रहे हैं कि नहीं। डेवलपर एवं टेस्टर दोनों साथ मिलकर इंटीग्रेशन टेस्टिंग करते हैं।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

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