Thu. Apr 25th, 2024
    विप्रो

    विप्रो ने फ्रेशर्स को लेकर उनके वार्षिक सैलरी में 30 हज़ार रुपये की बढ़ोतरी की है। इसी के साथ विप्रो अब फ्रेशर्स को 3.2 लाख रुपये सालाना की जगह 3.5 लाख रुपये सालाना की दर से वेतन उपलब्ध करवा रही है।

    इस बाबत जानकारी देते हुए विप्रो के प्रेसिडेंट व मुख्य ह्यूमन रिसोर्स अधिकारी सौरभ गोविल ने मीडिया को बताया है कि “हम अब कोडिंग टेस्ट लाने जा रहे हैं, इसके चलते हम और भी बेहतर लोगों को अपने साथ जोड़ पाएंगे।

    इसी के साथ हम राष्ट्रीय स्तर के एक टेस्ट का भी आयोजन करने जा रहे हैं, जिसके द्वारा हम अधिक से अधिक नए लोगों तक पहुँच कर उन्हे अपने साथ जोड़ सकेंगे। हमने इस साल पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक नए लोगों को अपने साथ जोड़ा है।”

    विप्रो के अलावा टीसीएस और इंफ़ोसिस भी राष्ट्रीय स्तर के टेस्ट का आयोजन करने जा रही है। वहीं ये कंपनियां भी नए लोगों को अच्छी सैलरी उपलब्ध करवा रही हैं।

    विप्रो तीन चरण में अपने साथ लोगों को जोड़ती है। सबसे ऊपर वह आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों से छात्रों का चयन करती है, जिसके लिए विप्रो 12 लाख रुपये की औसत वार्षिक सैलरी का ऑफर देती है।

    इसके बाद वह टर्बो प्रोग्राम के तहत मध्यम दर्जे के संस्थानों से औसतन 6 लाख रुपये सालाना की तंख्वाह देती है।

    इसके बाद विप्रो पारंपरिक तौर पर लोगों को नौकरी पर रखती है, जिसके लिए वह 3.5 लाख रुपये वार्षिक वेतन उपलब्ध कराती है।

    वहीं विप्रो के अमेरिका स्थित कैंपस में विप्रो 65 हज़ार डॉलर की औसत सैलरी दे रही है, जो लगभग 47,59,625 रुपये के बराबर है। अमेरिका स्थित विप्रो कैंपस में मुख्य कार्य मशीन लर्निंगआर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस से संबन्धित प्रोजेक्ट का विकास करना है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *