Fri. Oct 4th, 2024
    विकास बहल

    विकास बहल द्वारा दायर किये गए मान-हानि के मुकदमे की सुनवाई में कोर्ट की तरफ से कोई भी अंतरिम राहत प्रदान नहीं की गयी है। यह मुकदमा विकास बहल द्वारा अपनी प्रोडक्शन कंपनी के पार्टनर्स अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने और मधु मंतेना पर किया गया था।

    कोर्ट में यह तीनो ही उपस्थित थे तथा विकास बहल हर बार की तरह कोर्ट के बहार ही खड़े रहे। हम आपको बता दें कि विकास बहल ने अपनी कंपनी ‘फैंटम फिल्म्स’ के पार्टनर्स के खिलाफ़ 10 करोड़ रूपये का मान हानि का मुकदमा दायर किया है जिसकी पहली सुनवाई 23 अक्टूबर को हुयी जहाँ अनुराग कश्यप , विक्रमादित्य और विक्टिम जो कि कथित तौर पर सेक्सुअल हैरासमेंट का शिकार हुयी है, के शपथ पत्रों पर लम्बी बहस हुयी।

    विक्टिम ने पिछली सुनवाई में अपना स्टेटमेंट अपने हस्ताक्षर के साथ भेजा था पर अब उसने  एक क़ानूनी शपथ पत्र भेजा है ताकि उसकी बातों को अनदेखा न किया जा सके और उसकी बात का विश्वास किया जाए। विक्टिम के वकील ने बताया कि विक्टिम ने दुबारा से अपना बयान एक शपथ पत्र पर इस लिए भेजा है ताकि कोई भी उसके बयान की बेज्ज़ती न कर सके और उसे झुठला न सके। अपने बयान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए विक्टिम ने तीन पंक्तियों का एक सपथ पत्र कोर्ट में सौप दिया है।

    वरिष्ठ वकील वेंकटेश  ने ‘फैंटम फिल्म्स’ के एक विभाग के पूर्व प्रमुख रंजन सिंह द्वारा दो पेज के शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया था कि मार्च 2017 में कंपनी के कार्यालय में अनुराग कश्यप के केबिन में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसे मधु द्वारा बुलाया गया। अन्य लोगों के साथ वहां विक्रमादित्य भी मौजूद थे।

    उन्हें सूचित किया गया कि विकास बहल के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार की शिकायत के संबंध में, उनके पार्टनर्स ने कंपनी या उसके वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ उनको काम करने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है और वह अब कंपनी के कार्यालय से काम नहीं कर पाएंगे, वह रीहैब भी जायेंगे।

    वकील ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई किए गए मामलों की एक सूची भी दी, जहां यौन उत्पीड़न के मामलों में फैसले पूरी तरह से पीड़ित की गवाही के आधार पर पारित किए गए थे।

    23 अक्टूबर को दायर हलफनामे में अनुराग और विक्रमादित्य द्वारा दिए गए कुछ बयान पूरी तरह से सही नहीं हैं। मधु ने कहा है कि जब घटना हुई तो वह गोवा में मौजूद नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा है कि यद्यपि अनुराग और विक्रमादित्य ने  इस मामले पर अपनी बातचीत विकास के साथ मिलकर की पर विकास को सेक्सुअल हरैस्मेंट घटना सही तरीके से याद नहीं थी और उन्होंने अपने ‘व्यवहार’ के लिए माफी नहीं मांगी थी।

    उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य व्यवहार और नशे की आदत के लिए रीहैब में उपचार करवाना पड़ता है। और विकास भी उसी लिए रीहैब जाना चाहते थे।

    अनुराग, विक्रमादित्य और मधु द्वारा हलफनामे के माध्यम से दिए गए बयानों के बीच विरोधाभासों को देखते हुए, और दो और हलफनामे के सन्दर्भ में और पीड़ित की बातों और फैंटम फिल्म्स के पूर्व कर्मचारी की बातों को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति कथवाल्ला अब 21 नवंबर को इस मामले को सुनेंगे।

    By साक्षी सिंह

    Writer, Theatre Artist and Bellydancer

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *