देश में टेलीकॉम सेक्टर में अपने ब्रांड ‘जियो’ के जरिये गहरी पैठ बनाने वाली रिलायंस ने अपने और भी नए व्यवसायों को बाज़ार में स्थापित करने के लिए ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है।
इसी के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने अपने नए व्यवसाय रिलायंस रिटेल को बाज़ार में स्थापित करने के लिए पिछले 11 महीनों में करीब 10 हज़ार करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश किया है।
इसके तहत रिलायंस ने 11 महीनों के अंतराल में 2 दर्जन से भी अधिक इकाइयों के साथ अपनी साझेदारी की शुरुआत की है। वहीं RIL ने वर्ष 2017 में इस सेक्टर में सिर्फ 2 ही डील पर हस्ताक्षर किए थे।
इन साझेदारियों में अधिकतम साझेदारियाँ रिटेल व टेलीकॉम सेक्टर से सीधे संबन्धित हैं। यही वो दोनों सेक्टर हैं, जिनमें रिलायंस अब अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है।
बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस द्वारा बढ़ायी जा रही इन साझेदारियों से रिलायंस को भारत के बाज़ार में तगड़ी पैठ बनाने के साथ ही बड़ा राजस्व इकट्ठा करने में मदद मिलेगी।
रिलायंस तेल उत्पादन व्यवसाय में भी काफी सक्रिय है। रिलायंस इस वक़्त दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स का जामनगर में संचालन कर रही है, इसी के साथ रिलायंस गुजरात में भी अपनी तेल रिफाइनरी से अच्छा राजस्व पैदा कर रही है।
भारतीय टेलीकॉम बाज़ार में जियो के जरिये अपनी छाप छोडने वाली रिलायंस सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर तक ही अपने बढ़ते हुए व्यवसाय को नहीं रखना चाहती है। यही कारण है कि भविष्य के बाज़ार पर नज़र रखते हुए रिलायंस उन सभी सेक्टर में अपनी मौजूदगी को पुख्ता करना चाहती है।
रिलायंस जियो ने हाल ही में इंडियन मोबाइल कॉंग्रेस के मौके पर अपने आगामी 5G नेटवर्क का लाइव ट्रायल भी किया था, इसी के साथ जियो ने बताया है कि वर्ष 2021 के मध्य तक जियो देश में 5जी का पूर्ण रूप से संचालन करने लगेगी।
मालूम हो कि रिलायंस का लक्ष्य विश्व को टॉप 20 कंपनियों में अपनी उपस्थिती दर्ज़ करने का है, इसमें रिलायंस जियो और रिलायंस रीटेल बड़ी भूमिका निभाएंगे।