गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टेलीफोन पर गरमा-गर्म बहस छिड़ गयी और इसका श्रेय जाता है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली को जिसके बाद कोलकाता के पास मौजूद एक कस्बे में हिंसा फ़ैल गयी।
सूत्रों के मुताबिक, जब सिंह ने मंगलवार को बनर्जी को फ़ोन मिलाकर आगजनी पर अपनी चिंता व्यक्त की तो दोनों के बीच इल्ज़ामों का सिलसिला शुरू हो गया।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि टेलीफोन पर बातचीत पूर्वी मिदनापुर जिले में भाजपा अध्यक्ष की रैली में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की खबरों के बारे में थी।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिन वाहनों पर भाजपा के कार्यकर्त्ता आ रहे थे उनमें आग लगा दी गयी और ये सब शाह की रैली के दौरान हो रहे विरोध प्रदर्शन में हुआ। इस प्रदर्शन में तीन लोग घायल हो गए। पुलिस की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गयी है।
भाजपा ने इलज़ाम लगाया कि शाह की रैली के बाद जिन बसों में पार्टी के कार्यकर्त्ता आ रहे थे, उसके साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ की गयी और आग में झुलसा दिया गया। वही दूसरी तरफ, टीएमसी ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांथी में एक स्थानीय टीएमसी पार्टी कार्यालय पर हमला किया था और बर्बरता की थी।
बंगाल में ‘लोकतंत्र की कमी’ के ऊपर विरोध करने के लिए, भाजपा ने बुधवार दोपहर को रैली निकालने का फैसला किया है। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य मुकुल रॉय और राज्य भाजपा के महासचिव सायंतन बसु भी आंदोलन में भाग लेंगे।